ISRO Mission CMS-03 Launching: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज अपने स्वर्णिम इतिहास में एक और कीर्तिमान स्थापित करेगा. इसरो आज ‘बाहुबली’ कम्युनिकेशन सैटैलाइट CMS-03 लॉन्च कर रहा है, जिसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र आज 2 नवंबर 2025 की शाम को करीब 5:26 बजे अंतरिक्ष के लिए रवाना किया जाएगा. मिशन रीडिनेस रिव्यू और लॉन्च अथॉराइजेशन बोर्ड ने लॉन्चिंग के लिए हरी झंडी दे दी है, वहीं लॉन्चिंग का लाइव ब्रॉडकास्ट इसरो की वेबसाइट (isro.gov.in), यूट्यूब चैनल और फेसबुक पर देखा जा सकता है.
🚀 Coundown begins 💥 ISRO’s LVM3-M5 will soar on its fifth mission, carrying CMS-03 “sea-eye” tomorrow, India’s heaviest communication satellite.
Designed to strengthen the Indian Navy’s maritime communication, CMS-03 draws key lessons from Operation Sindoor, enhancing… pic.twitter.com/h9DYtyzPxA---विज्ञापन---— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 1, 2025
इसरो का पहला सबसे भारी सैटेलाइट
बता दें कि कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 को GSAT-7R भी कहते हैं, जो मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है. 43.5 मीटर लंबा और 4410 किलोग्राम वजन के साथ यह सैटेलाइट इसरो का भारतीय सरजमीं से लॉन्च होने वाला पहला सबसे भारी सैटेलाइट है, जबकि इसरो इससे ज्यादा भारी 5854 किलो वजनी सैटेलाइट GSAT-11 लॉन्च कर चुका है, लेकिन वह विदेशी धरती से लॉन्च हुआ था. वहीं अब लॉन्च हो रहा CMS-03 सैटेलाइट 15 साल तक काम करेगा और इसके लिए जून 2019 में इसरो का नौसेना के साथ 1589 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है, जिसके तहत मिशन अब लॉन्च हो रहा.
Indian Space Research Organisation (ISRO) is scheduled to launch the Indian Navy’s GSAT 7R (CMS-03) communication satellite today. This would be the most advanced communication satellite thus far for the Indian Navy. The satellite would strengthen Navy's space-based…
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 2, 2025
इस रॉकेट के साथ किया जाएगा लॉन्च
बता दें कि CMS-03 मिशन को इसरो अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3-M5 के जरिए लॉन्च करेगा, जिसके जरिए चंद्रयान-3 को भी लॉन्च किया गया था. इस रॉके में 2 सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर (S200), लिक्विड कोर स्टेज (L110) और क्रायोजेनिक अपर स्टेज (C25) इंस्टॉल हैं, जो यह 4 हजार किलोग्राम वजन वाले सैटेलाइट को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित करने की कैपेसिटी रखता है.
सैटेलाइट की लॉन्चिंग का ये है मकसद
बता दें कि इसरो ने सैटेलाइट CMS703 नौसेना के लिए बनाया है. इसका मकसद नौसेना की अंतरिक्ष आधारित संचार व्यवस्था को मजबूत बनाना है. हिंद महासागर में सेफ वॉयस ट्रांसमिशन, डेटा कलेक्शन और वीडियो कम्युनिकेशन सर्विस प्रदान करना है. सैटेलाइट C, एक्सटेंडेड C और Ku बैंड के ट्रांसपॉन्डरों से लैस है, जो भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल पॉवर को बढ़ाएगा. समुद्री एरिया में नौसेना की कनेक्टिविटी बढ़ेगी.










