पश्चिम बंगाल में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अभी से ही अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जहां सत्तारूढ़ पार्टी टीएमटी सत्ता पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है तो वहीं बीजेपी ममता सरकार को उखाड़ फेंकने की हर संभव कोशिश कर रही है। 6 अप्रैल को रामनवमी है, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूरे पश्चिम बंगाल में जुलूस निकालेगी और हिंदुओं को एकजुट करेगी। आरोप लगाया जा रहा है कि शासन और प्रशासन रामनवमी की शोभायात्रा में सहयोग नहीं कर रहा है। पुलिस प्रशासन ने रामनवमी के दिन कोलकाता में होने वाले आईपीए मैच के लिए सिक्योरिटी से देने से मना कर दिया।
क्यों कोलकाता से गुवाहाटी शिफ्ट हुआ मैच?
कोलकाता के ईडन गार्डन्स से रामनवमी के दिन 6 अप्रैल को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के बीच मैच होना था। इस मैच में 65,000 दर्शकों के शामिल होने की संभावना थी। ऐसे में एक तरफ रामनवमी शोभायात्रा और दूसरी तरफ मैच की भीड़ को संभालना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती थी, इसलिए पश्चिम बंगाल की पुलिस ने आईपीएल मैच के लिए सुरक्षा देने से मना कर दिया। यही वजह है कि केकेआर और एलएसजी के बीच कोलकाता के बजाए गुवाहाटी में मैच होगा। पिछले साल भी रामनवमी के कारण कोलकाता का मैच शिफ्ट हो गया था।
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BJP-TMC में राजनीतिक तकरार
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरर्गमियां तेज हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर बीजेपी-टीएमसी के बीच राजनीतिक तकरार देखने को मिल रहा है। बीजेपी ने अभी से ही रामनवमी के लिए तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। इसे लेकर ममता सरकार ने कमर कस ली है। इस बीच विश्व हिन्दू परिषद ने नालंदा जिले में रामनवमी जुलूस निकालने का निर्णय स्थगित कर दिया।
2000 शोभायात्रा निकालेगी BJP
आपको बता दें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के सीनियर लीडर सुवेंदु अधिकारी ने कहा था कि इस बार राज्यभर में रामनवमी के दिन 6 अप्रैल को 2000 जुलूस निकालेंगे, जिसमें एक करोड़ हिंदू हिस्सा लेंगे। शोभायात्रा निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। भगवान श्रीराम की पूजा करने के लिए अनुमति नहीं लेंगे? हिंदू भाई शांतिपूर्ण ढंग से जुलूस निकालेंगे। ये प्रशासन को सुनिश्चित करना है कि जुलूस के दौरान दूसरे लोग शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि पिछले साल 1000 रामनवमी की शोभायात्राएं निकाली गई थीं, जिसमें 50 हजार हिंदुओं ने भाग लिया था।
Just like last year, when the Shree Ram Navami Processions came under attack at Dalkhola, Rishra & Serampore due to the lack of intent of Mamata Police, this year as well Mamata Police failed to protect the Ram Bhakts.
A peaceful Ram Navami Procession, which had all the due… pic.twitter.com/1MaG5pfa4n
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 17, 2024
ममता बनर्जी बोलीं- हम एकता पर करते हैं विश्वास
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी पार्टी और सरकार एकता पर विश्वास करती है, हर धर्म का सम्मान करती है। इस वक्त रमजान का महीने चल रहा है। हम ईद को शांति से मनाएंगे और रामनवमी को भी।
नालंदा जिले में रामनवमी की शोभायात्रा स्थगित
विश्व हिन्दू परिषद नालंदा ने रविवार को नालंदा जिले के बिहार शरीफ स्थित घनेश्वर घाट मंदिर में एक इमरजेंसी बैठक बुलाई और 7 अप्रैल को प्रस्तावित रामनवमी शोभायात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया। शोभायात्रा स्थगित करने का मुख्य कारण जिला प्रशासन का असहयोगात्मक रवैया है। परिषद ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक तंत्र रामनवमी शोभायात्रा को लेकर सकारात्मक सहयोग नहीं कर रहा है। पिछले साल 31 मार्च 2023 को रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुए दंगे की जांच के नाम पर परिषद के कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया था। बिना किसी ठोस आधार के कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि जब तक प्रशासन का रवैया सहयोगात्मक नहीं होता और कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिलता, तब तक रामनवमी शोभायात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा।
पिछले साल भी रामनवमी पर हुई थी झड़प
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में पिछले साल रामनवमी के दिन हिंसक झड़प हुई थी। मुर्शिदाबाद में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान उपद्रवियों ने भक्तों पर हमला किया था। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे। इसे लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर निशाना साधा था। ऐसे में इस साल फिर कोई अप्रिय घटना न हो? इसकी वजह आईपीएल मैच को गुवाहाटी शिफ्ट करने के साथ ही पूरी सुरक्षा जुलून में तैनात रहेगी।
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