भारत-पाक के बीच जंग छिड़ी तो रक्षा मंत्रालय चीफ आर्मी टेरिटोरियल के ऑफिसर्स और सैनिकों को एक्टिव ड्यूटी के लिए बुला सकते हैं। इस आर्मी में कई प्रसिद्ध हस्तियां जैसे महेंद्र सिंह धोनी, कपिल देव, अभिनव बिंद्रा, मोहनलाल, सचिन और अनुराग ठाकुर अफसर हैं। भारतीय प्रादेशिक सेना (Territorial Army, TA) एक स्वैच्छिक संगठन है, जो रोजगार की गारंटी नहीं देता है। यह किसी रेगुलर जॉब्स की तरह नहीं है। देश का आम नागरिक भी टेरिटोरियल आर्मी ज्वाइन कर सकता है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल, राजनीति, और मनोरंजन में पहचान एक मुकाम हासिल करने वाली हस्तियों को इसमें मानद या नियमित रूप से TA में शामिल किया गया। नीचे कुछ प्रमुख भारतीय दिग्गजों की सूची दी गई है, जो TA का हिस्सा रहे चुके हैं।
1. महेंद्र सिंह धोनी (क्रिकेटर)
भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान और विश्व कप विजेता एमएस धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। उन्होंने TA की पैराशूट रेजिमेंट में अपनी सेवाएँ दीं और सैन्य प्रशिक्षण भी लिया। धोनी ने 2019 में जम्मू-कश्मीर में अपनी यूनिट के साथ समय बिताया, जहाँ उन्होंने गश्त और अन्य सैन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया।
2. कपिल देव (क्रिकेटर)
1983 में भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव को TA में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक प्राप्त है। वह TA के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में भी सक्रिय रहे हैं, हालाँकि उन्होंने नियमित सैन्य प्रशिक्षण नहीं लिया।
3. अभिनव बिंद्रा (निशानेबाज)
भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता (2008, बीजिंग ओलंपिक) अभिनव बिंद्रा को 2011 में TA में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई। उनकी नियुक्ति खेल और देश सेवा के प्रति उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए थी।
4. मोहनलाल (अभिनेता)
मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल को 2009 में TA में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई। वह एकमात्र अभिनेता हैं जिन्हें यह सम्मान मिला। ‘कीर्ति चक्र’ और ‘कुरुक्षेत्र’ जैसी सैन्य पृष्ठभूमि वाली फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने TA में शामिल होने की इच्छा जताई और प्रशिक्षण भी लिया।
5. सचिन पायलट (राजनेता)
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट 2012 में TA में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए। वह पहले केंद्रीय मंत्री थे जिन्हें TA में अधिकारी बनाया गया।
6. अनुराग ठाकुर (राजनेता)
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर 2016 में TA में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए। वह पहले भाजपा सांसद हैं जिन्हें TA में कमीशन प्राप्त हुआ।
जानें इंडियन आर्मी और टेरिटोरियल आर्मी में क्या अंतर है?
1. भारतीय सेना में जाने का एक अन्य ऑप्शन
बता दें कि ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो भारतीय सेना में जाना चाहते हैं, लेकिन कुछ कारणों से उनका सेलेक्शन नहीं हो पाता। ऐसे युवाओं को सेना टेरिटोरियल आर्मी भर्ती के माध्यम देश सेवा का एक और मौका देती है।
2. कौन कर सकता है टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन?
एक खास बात यह है कि देश का आम आदमी नौकरी या व्यापार के साथ भी टेरिटोरियल आर्मी ज्वाइन कर सकता है।
3. टेरिटोरियल आर्मी की शुरुआत
बता दें कि इसकी शुरुआत 1948 में हुई थी। इसे सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस भी कहा जाता है। टेरिटोरियल आर्मी ने 1962, 1965 और 1971 व 1999 यानी कारगिल की लड़ाई में भी हिस्सा लिया है।
4. कैसे होता है सेलेक्शन?
बता दें कि टेरिटोरियल आर्मी में ज्वॉइन होने वाला भारतीय सेना के कर्मियों जैसी रैंक पाता है, हालांकि इसके लिए भी निर्धारित उम्र और मेडिकल फिटनेस जरूरी है।
5. भर्ती में चयन कैसे होता है?
यह भर्ती एक तरह से आम नागरिकों के लिए निकलती है औऱ दूसरी पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए। चयन प्रक्रिया के दौरान पूर्व सैन्य कर्मियों को लिखित परीक्षा नहीं देनी पड़ता है। जबकि आम भर्ती में लिखित व इंटरव्यू दोनों देना पड़ता है।
6. वेतन व सुविधाएं
बता दें कि इसमें वेतन के साथ-साथ मेडिकल सुविधाएं व डीए समेत दूसरे भत्ते भी मिलते हैं।