अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट-डॉक्टरेट फेलो भारतीय छात्र बदर खान सूरी को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फेडरल एजेंट्स ने उन्हें गिरफ्तार किया और अब बदर को इंडिया डिपोर्ट करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। बदर पर फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का समर्थन करने और उसके समर्थन में प्रोपेगेंडा चलाने का आरोप लगा है।
बदर खान के वकील हसन अहमद ने जानकारी दी कि बदर को वर्जिनिया में उनके घर से डिटेन किया गया। नकाबपोश एजेंट उन्हें गिरफ्तार करने आए थे, जिन्होंने खुद को होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट के अधिकारी बताया। उन्होंने बताया कि बदर खान को गिरफ्तार कर रहे हैं और उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। जल्दी ही इन्हें वापस इंडिया डिपोर्ट कर दिया जाएगा।
Suri was a foreign exchange student at Georgetown University actively spreading Hamas propaganda and promoting antisemitism on social media.
---विज्ञापन---Suri has close connections to a known or suspected terrorist, who is a senior advisor to Hamas. The Secretary of State issued a… https://t.co/gU02gLAlX1
— Tricia McLaughlin (@TriciaOhio) March 20, 2025
कौन हैं बदर खान सूरी?
बदर खान वाशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के स्टूडेंट हैं। एडमंड ए वॉल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में पोस्ट डॉक्टरल फेलो हैं। स्कूल के अलवलीद बिन तलाल सेंटर फॉर मुस्लिम-क्रिश्चियन अंडरस्टैंडिंग में फेलो हैं। बदर ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट हैं।
उन्होंने नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन से पीस एंड कॉन्फलिक्ट स्टडीज में साल 2020 में PHD की थी। बता दें कि इससे पहले इंडियन स्टूडेंट रंजनी श्रीनिवासन पर ऐसे ही आरोप लगे थे। हालांकि उसे गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन रंजनी ने चुपचाप अमेरिका ने छोड़ दिया। उसने खुद को निर्वासित घोषित किया और कनाडा चली गई।
बदर पर लगा हमास के समर्थन का आरोप
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बदर खान सूरी के वकील हसन अहमद ने बताया कि उनकी रिहाई के लिए याचिका दायर की गई है। उनकी गिरफ्तारी का असली कारण उनकी पत्नी का फिलिस्तीनी होना बताया गया है, जो अब अमेरिका की नागरिक है। ट्रंप सरकार को शक है कि बदर सूरी और उनकी पत्नी इजरायल के प्रति अमेरिका के रुख का विरोध करते हैं। सूरी और उनकी पत्नी पर फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास का प्रचार करने का आरोप लगाया गया।
यहूदी-विरोधी विचारधाराओं के प्रचार का आरोप
बता दें कि होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की सहायक सचिव ट्रिशिया मैक्लॉघलिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मामले को लेकर एक पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने बताया कि बदर खान सूरी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट थे, लेकिन वे हमास के समर्थन में थे। वे सोशल मीडिया पर यहूदी-विरोधी विचारधाराओं का प्रचार कर रहे थे। अमेरिका के विदेश मंत्री द्वारा 15 मार्च 2025 को एक आदेश जारी किया गया। इसके अनुसार, सूरी के संदिग्ध आतंकवादी से गहरे संबंध है, जो आतंकी संगठन हमास का वरिष्ठ सलाहकार है। इस आदेश में बदर खान को INA की धारा 237(ए)(4)(सी)(आई) के तहत निर्वासन के योग्य बताया गया है।