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अमेरिका-तुर्की के नागरिकों को डूबने से बचाया, भारतीय तटरक्षक बलों ने अंडमान से किया रेस्क्यू

भारतीय तटरक्षक बल ने संकट के समय अमेरिका और तुर्की के नागरिकों की नौका को 13 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद अंडमान के समुद्र में डूबने से बचाया। कोस्ट गार्ड के “वयं रक्षाम” सिद्धांत ने एक बार फिर  पेश की मानवता की मिसाल।

Author Written By: Pawan Mishra Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 11, 2025 15:21

भारतीय तटरक्षक बल का स्लोगन है वयं रक्षाम यानी हम रक्षा करते हैं और अपने इसी स्लोगन के तर्ज पर भारतीय तट रक्षक दल ने यह साबित कर दिया है कि वह संकट के समय में संकट सुमन बन कर हमेशा खड़े होते है। यह मामला तब का है जब एक विदेशी बोट अंडमान के समुद्र में फंस गई थी. इस बोट में 2 नागरिक भी थे, जिन्हें सुरक्षित बचाया गया है।

क्या है पूरा मामला?

अमेरिकी नौका सी एंजल और इसके दो चालक दल जब मुसीबत में घिर गए तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई, यह मदद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के इंदिरा पॉइंट से 52 नॉटिकल मील दक्षिण-पूर्व में फंसे होने के बाद दी गई थी। भारतीय कोस्ट गार्ड से मिली जानकारी के मुताबिक नौका में एक तुर्की और एक अमेरिका का नागरिक भी सवार था।

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खराब मौसम के चलते हुई घटना

दरअसल, अचानक से वहां का मौसम खराब होने की वजह से समुद्र में तेज लहर दौड़ने लगी और नौका का संतुलन बिगड़ने लगा था। जब भारतीय तट रक्षक दल को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अपने जहाज राजवीर को मदद के लिए भेजा और राजवीर ने इसमें फतह भी हासिल की। नौका को कैंपबेल बे तक सुरक्षित पहुंचा दिया।

मदद की लगाई गुहार

आपको बता दें कि पोर्ट ब्लेयर में मौजूद भारतीय तट रक्षक बल को चेन्नई में अमेरिकी दूतावास से मदद की गुहार लगाई गई थी और यह बताया गया कि जिस नौका पर अमेरिकी और तुर्की के नागरिक सवार है उसका पाल फट गया है और वह रस्सियों में उलझने के कारण काम करना भी बंद कर दिया है।

बचाव कार्य हुआ सफल

सूचना के मिलने के बाद भारतीय कोस्ट गार्ड तुरंत एक्टिव होकर मदद के लिए पहुंच गई। इस मदद को पूरा करने में भारतीय कोस्ट गार्ड को 13 घंटे का समय देना पड़ा तभी सुरक्षित  कैंपबेल बे तक पहुंचाया जा सका और अब नौका को बंदरगाह पर लंगर डालकर मरम्मत के लिए तैयार किया गया है।

मानवता का दिया परिचय

इस बचाव अभियान के बाद एक सहयोग और मदद की मिसाल पेश की गई है,क्योंकि इस नौका मे तुर्की का नागरिक भी सवार था,और ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्की ने पाकिस्तान को मदद पहुंचाने की कोशिश की थी लेकिन इन बातों को दरकिनार करते हुए भारतीय कोस्ट गार्ड ने सबसे पहले मानवता का परिचय देते हुए इन्हें सकुशल बचा लिया।

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First published on: Jul 11, 2025 03:21 PM

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