Indian Air Force News: भारतीय वायुसेना की ताकत में एक और इजाफा होने वाला है, क्योंकि इसी ताकत ने लद्दाख में चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। इस बीच भारतीय वायुसेना ने पिछले दिनों हुई चीनी कमांडर लेवल की मीटिंग में शांति बनाए रखने की बात कही है। वहीं, अब न्यूज़ 24 आपको बताएगा कि किस तरह से चीनी सेना को हमारे शूरवीर मतवालों के आगे नतमस्तक होना पड़ा था?
आपको बता दें कि ईस्टन इलाके में जब चीन ने 50 हजार पीएलए सैनिकों के साथ इंटरनेशनल बॉर्डर पर जमावड़ा किया था तब इसके मुकाबले में भारतीय वायुसेना ने एक अहम रोल अदा किया था। इस दौरान वायु सेना का सी 17 एयरक्राफ्ट रीढ़ बनकर खड़ा था, क्योंकि कम समय में इसने बड़ी ही सूझबूझ से भारतीय सेना को घातक हथियार पहुंचाने के साथ ही बैकअप सेना को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) तक पहुंचाया था। यहां पर बता दें कि सी-17 ग्लोबमास्टर की लंबाई 174 फीट है और चौड़ाई 170 फीट। इसके साथ ही इसकी ऊंचाई 55 फीट है। छोटा होने के चलते इस विमान को आपत स्थिति में छोटे रनवे में भी उतारा जा सकता है।
यहां पर बता दें कि एलएसी पर भारतीय सेना के लिए दो एयरबेस हैं, लेकिन अब बहुत जल्द ही एक और एयरबेस हमारी पैदल सेना को मिलने जा रहा है। ऐसे में अगर भविष्य में चीन के साथ युद्ध की संभावना बनी तो इसी एयरबेस से फाइटर जेट दुश्मन पर हमला करने के लिए तैयार रहेंगे।
वायुसेना के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, फाइटर एयरबेस लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा, इसे न्योमा के नजदीक बनाने की प्रकिर्या शुरू हो चुकी है। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले महीने इस जगह का दौरा करने के साथ हालात का जायजा भी लेंगे।
यहां पर आपको बता दें कि यह एयरबेस पूरी तरह से कंक्रीट का होगा औऱ इसकी लंबाई लगभग 2.7 किलोमीटर लंबी बताई जा रही है। अगले दो साल में इस फाइटर एयरबेस का काम पूरा हो जाने की बात कही जा रही है।
(Xanax)