भारतीय सेना ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय करके जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक नियंत्रित अभियान सफलतापूर्वक चलाया और 42 जिंदा बम को नष्ट कर दिया। एक आधिकारी ने यह जानकारी दी है। यह अभियान पुंछ जिले के झुल्लास, सलोत्री, धराटी और सलानी के सीमावर्ती इलाकों में चलाया गया। अभियान के दौरान बरामद किए गए जिंदा बम हाल ही में पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से की गई गोलाबारी के अवशेष थे, जिससे इस क्षेत्र में जान-माल का नुकसान हुआ था।
विस्फोटक अवशेषों को पूरी तरह से निष्क्रिय किया गया
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रशिक्षित बम निरोधक दलों ने सभी विस्फोटक अवशेषों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया है। सेना के बयान के अनुसार, यह ऑपरेशन अत्यंत सटीकता के साथ किया गया और नागरिक जीवन या संपत्ति को किसी भी प्रकार का खतरा होने से बचाने के लिए सभी मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। उन्होंने कहा कि ये सक्रिय कदम संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा और संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सेना की निरंतर प्रतिबद्धता का संकेत हैं।
12 नागरिक मारे गए थे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुंछ में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान द्वारा की गई भारी गोलाबारी में कम से कम 12 नागरिक मारे गए थे और 42 अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश में पाकिस्तानी गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौते के बाद भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों को निशाना बनाकर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बंद हो गई। साथ ही सभी सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी पर रोक लगा दी गई। यह युद्धविराम 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य हमलों के बाद दोनों देशों के बीच 4 दिनों तक चले तीव्र सैन्य टकराव के बाद हुआ।