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Poverty Reduction: 15 साल में ‘गरीबी’ से बाहर निकलकर ‘अमीर’ बने 41.5 करोड़ भारतीय, जानें चीन-पाकिस्तान के हालात

Poverty Reduction: भारत अब गरीबों का देश नहीं है। इस बात की तस्दीक संयुक्त राष्ट्र से आई एक खबर ने की है। 2005 से 2021 के बीच 15 सालों में भारत में रिकॉर्ड स्तर पर गरीबी (Poverty Reduction) कम हुई है। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की तरफ से जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक में बताया […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 11, 2023 18:25
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India poverty reduction

Poverty Reduction: भारत अब गरीबों का देश नहीं है। इस बात की तस्दीक संयुक्त राष्ट्र से आई एक खबर ने की है। 2005 से 2021 के बीच 15 सालों में भारत में रिकॉर्ड स्तर पर गरीबी (Poverty Reduction) कम हुई है। यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) की तरफ से जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक में बताया गया कि भारत में कुल 415 मिलियन यानी 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। यूनाइटेड नेशंस ने इस बदलाव को ऐतिहासिक बताया और भारत की सराहना की है।

चीन और पाकिस्तान में भी घटे गरीब

भारत के अलावा चीन ने 2010-2014 के बीच 69 मिलियन और इंडोनेशिया ने 2012-2017 के बीच 8 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। पड़ोसी बांग्लादेश और पाकिस्तान में 2015-2019 के बीच 19 मिलियन और 2012-2018 के दौरान 7 मिलियन व्यक्ति गरीबी से बाहर आए।

157 रुपए से कम कमाई वाले गरीब

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) ने 110 विकासशील देशों के वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) की ताजा जानकारी दी है। इसमें 6.1 अरब लोगों का डेटा जुटाया गया। प्रतिदिन 1.90 अमेरिकी डॉलर यानी 157 रुपए से कम पर जीवन यापन करने वाले लोगों को आम तौर पर गरीबी में माना जाता है।

12 सालों में मिटाई आधी आबादी की गरीबी

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि गरीबी में कमी लाना संभव है। रिपोर्ट के अनुसार 2000 से 2022 तक के रुझानों के विश्लेषण से पता चला कि 25 देशों ने 15 वर्षों के भीतर गरीबी के आंकड़े को आधा कर लिया। कई देशों ने चार से 12 सालों में ही आधी आबादी की गरीबी को मिटाया है। उन देशों में भारत, कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम शामिल हैं।

इन इंडेक्स पर हुई मैपिंग

स्वास्थ्य, शिक्षा, स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग के आधार पर गरीबी के आंकड़े जुटाए गए हैं। यूएनडीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पोषण और उर्जा की किल्लतों से जुड़ी समस्याओं पर काम करना सरकार की प्राथमिकता सूची में बरकरार रहना चाहिए।

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Edited By

Bhola Sharma

First published on: Jul 11, 2023 06:25 PM

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