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व्यापार, सीमा, सीधी उड़ानें… भारत-चीन के बीच बनी इन 10 मुद्दों पर सहमति

India-China Relation: भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एस जयशंकर की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होने पर सहमति जताई गई है। इतना ही नहीं, भारत और चीन के बीच तल्खी भी धीरे-धीरे मिट रही है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच रेयर अर्थ और खुदाई की मशीनों की खरीद पर भी बातचीत हुई है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Aug 20, 2025 07:39

India-China Relation: भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव के बीच अब दोनों देशों के संबंधों में नई गति देखने को मिली है। 19-20 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में हुई चीनी विदेश मंत्री वांग यी और एस जयशंकर के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों ने सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, सीधी उड़ानें बहाल करने, वीजा प्रक्रिया को आसान बनाने और व्यापार मार्गों को पुनः खोलने पर सहमति जताई है। ये कदम इस बात का संकेत हैं कि दोनों देश के रिश्तों को एक नई दिशा मिल रही है। वैश्विक नजरिए से भी भारत और चीन के बीच बनी नई परिस्थिति सकारात्मक होती दिखाई दे रही है।

SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे पीएम मोदी

बता दें कि चीन के विदेश मंत्री भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को उनकी मुलाकात पीएम मोदी से भी हुई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश दिया है और उन्हें तियोनजित में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भी दिया है। वांग यी एस जयशंकर के अलावा देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिले हैं।

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शुरू होंगी सीधी उड़ानें

बैठक के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू होगी और वीजा की भी बहाली भी पर भी मंजूरी दी गई है।

मानसरोवर यात्रा रहेगी जारी

दोनों पक्षों ने 2026 में तिब्बत में माउंट कैलाश के लिए भारतीय यात्रियों को तीर्थ जारी रखने के लिए स्वीकृति दी है और इस पर विस्तारित करने पर सहमति जताई है। यात्रा के लिए नाथुला मार्ग को पुन: खोला जाएगा।

रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति बहाल होगी

विदेश मंत्री और वांग यी के बीच हुई वार्ता में भारत की तीन प्रमुख मांगों पर सहमति और सही फैसले लेने का आश्वासन दिया गया है। इनमें उर्वरकों की आपूर्ति में होने वाली दिक्कतों को दूर करने, रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए टनल बोरिंग मशीन का आयात शुरू करना शामिल हैं।

सीमा निर्धारण पर भी होगा फैसला

दोनों देशों के बीच ठंडे पड़े संबंधों को सुधारने के लिए उपायों की घोषणा हुई है। मीटिंग में LAC पर शांति और स्थिरता बनाने, सैन्य तनाव को कम करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोजने पर चर्चा हुई है। सीमा निर्धारण के लिए भी समाधान की तलाश है। एक विशेष समूह दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधी समाधानों पर भी काम करेगा।

पर्यटन को बढ़ावा

दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार होने से पर्यटन भी बढ़ेगा। व्यवसाय, मीडिया और अन्य आगंतुकों के लिए वीजा सर्विस की बहाली पर भी एकमत समाधान निकाला जाएगा। NSA डोभाल की पिछले अक्टूबर में रूस के कजान में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग से मुलाकात के बाद दोनों देशों को नई दिशा देने पर सहमति बनी थी।

इन मुद्दों पर बनी सहमति

  • भारत और चीन के बीच स्थिर और दूरदर्शी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम करने और एक-दूसरे के हित में काम करने की बात पर सहमति हुई। इससे भारत-चीन के विकास को बढ़ावा मिल सकेगा।
  • डिप्लोमेटिक इवेंट्स में दोनों देश एक-दूसरे को सहयोग करने पर सहमत हुए है। चीन 2026 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी में भी भारत का समर्थन देगा।
  • भारत-चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। यह कार्यक्रम 2025 में आयोजित करने में होगी, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे को सहयोग करेंगे।
  • व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच अंतरराष्टीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर संवाद करने पर सहमति हुई है। नियम-आधारित मल्टीलेटरल ट्रेडिंग सिस्टम को बनाने, दोनों देश के सुरक्षा के लिए मल्टीपोलर वर्ल्ड को बढ़ावा दिया जाएगा।

ये भी पढ़ें- PM मोदी से मिले चीन के विदेश मंत्री वांग यी, प्रधानमंत्री को मिला SCO शिखर सम्मेलन का निमंत्रण

First published on: Aug 20, 2025 06:48 AM

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