India Argentina lithium deal: पीएम नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना के प्रेसीडेंट जेवियर मिलई से शनिवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई। एएनआई के अनुसार दोनों देशों के बीच खनिज, व्यापार, निवेश, उर्जा, कृषि और फार्मा को लेकर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि भारत ने अर्जेटीना के साथ लीथियम के भंडार को लेकर बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व ) पी कुमारन ने बताया कि भारत की पब्लिक सेक्टर की कंपनियां खनिजों के उत्पादन और निर्यात के लिए काम कर रही है। पी. कुमारन ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड और खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड विदेशों में खदानें खरीदने को लेकर काम कर रही है।
दो सरकारी और दो निजी कंपनियां करेगी काम
कुमारन ने आगे बताया कि अर्जेंटीना हमारे लिए रूचि का विषय है। हमारी दो पब्लिक सेक्टर की कंपनियां कोल इंडिया और खनिज विदेश इंडिया को भारत के बाहर महत्वपूर्ण खनिजों को चुनने का काम सौंपा गया है। दोनों कंपनियों ने अर्जेंटीना के साथ पांच समझौते किए हैं। ऐसे में अब दोनों कपंनियां अर्जेंटीना में खनन के साथ–साथ उसका शुद्धिकरण कर उसे भारतीय बाजार में लाएगी। विदेश मंत्रालय के सचिव ने बताया कि दो निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शोधन के आगे आई है, इसमें ग्रीनको और वर्ल्ड मेटल अलॉयज है, जिसने अर्जेंटीना में लिथियम की रियायतों में निवेश किया है।
पीएम मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के साथ उर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग पर चर्चा की। अर्जेंंटीना में लिथियम, तांबा और अन्य दुर्लभ खनिज पाए जाते हैं जोकि भारत के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में भारत अपनी स्वच्छ उर्जा और औद्योगिक विकास की जरूरतों के लिए अर्जेंटीना के विश्वसनीय साझेदार के तौर पर काम कर सकता है।
पहले हुए ये दो समझौते
बता दें कि इससे पहले 15 जनवरी 2024 को भारत ने अर्जेंटीना के साथ खनन को लेकर समझौता किया था। 200 करोड़ की लागत वाले समझौते के अनुसार भारत की सरकारी कंपनी खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड को लिथियम के पांच ब्लॉक आवंटित किए हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच लीथियम खोजने और सहयोग के लिए 19 फरवरी 2025 में भी एक समझौता किया गया था।
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