Sengol: पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन उद्घाटन करेंगे। उसी दिन पीएम मोदी तमिलानाडु के अधीनम मठ के प्रधान पुजारी के हाथों सेंगोल स्वीकार करेंगे और फिर उसे लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास इसे स्थापित करेंगे। सेंगल के निर्माताओं ने इस कदम के लिए केंद्र सरकार की सराहना की है।
वुम्मिदी बंगारू ज्वैलर्स के अध्यक्ष वुम्मिदी सुधाकर ने कहा कि हम ‘सेंगोल’ के निर्माता हैं। इसे बनाने में हमें एक महीने का समय लगा था। यह चांदी और सोने की परत से बना है। जब यह बनाया गया, उस समय मैं 14 साल का था। हम पीएम मोदी के आभारी हैं।
#WATCH | "We’re the makers of the 'Sengol'. It took us a month's time to make it. It is made of silver & gold plated. I was 14 years at that time…we’re grateful to PM Modi…” says Vummidi Sudhakar, the chairman of Vummidi Bangaru Jewellers which made historic spectre 'Sengol'. pic.twitter.com/WN0JenXMK6
— ANI (@ANI) May 25, 2023
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यह एक खूबसूरत अहसास
जौहरी वुम्मिदी बंगारू चेट्टी के परपोते वुम्मिदी बालाजी ने कहा कि नई संसद के उद्घाटन के मौके पर आजादी के 75 साल बाद ‘सेंगोल’ को याद किया जा रहा है। सरकार 1947 में हुई पूरी घटना को फिर से पेश कर रही है। यह बहुत पुरानी यादें हैं। हमारे लिए यह एक खूबसूरत अहसास है कि हमारे पूर्वज इतिहास का हिस्सा थे और अब हम उस घटना को फिर से दोहराते हुए भी देखने जा रहे हैं।
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मदुरै अधीनम के प्रधान पुजारी भेंट करेंगे सेंगोल
28 मई को तमिलनाडु के मदुरै अधीनम मठ के प्रधान पुजारी हरिहर देसिका स्वामीगल पीएम मोदी को सेंगोल भेंट करेंगे। यह वही सेंगोल है, जिसे सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में माउंटबेटन ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था। हरिहर देसिका स्वामीगल अधीनम मठ के 293वें प्रधान पुजारी हैं। देशभर से आए पुजारी उस दिन नई संसद में पूजा पाठ कराएंगे।
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