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एक ही जेल में बंद हैं पति-पत्नी, ‘मिलन’ के क्या हैं नियम? मेरठ की मुस्कान को अब मिलेंगी ये सुविधाएं

मेरठ की जेल में बंद मुस्कान के प्रेग्नेंट होने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या जेल में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति है? तिहाड़ के पूर्व जेलर, यूपी जेल नियम और हाईकोर्ट के अहम फैसले इस बारे में क्या कहते हैं। यहां पढ़ें पूरी जानकारी।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 13, 2025 17:25

उत्तर प्रदेश के मेरठ की मुस्कान जेल में बंद है। उसी जेल में उसका बॉयफ्रेंड साहिल भी कैद है। जांच के दौरान यह सामने आया कि मुस्कान प्रेग्नेंट है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यह बच्चा किसका है? हालांकि इस मामले में कहा जा रहा है कि मुस्कान जेल जाने से पहले ही गर्भवती हो चुकी थी। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि अगर पति-पत्नी एक ही जेल में बंद हों, तो क्या वे आपस में शारीरिक संबंध बना सकते हैं?

जेल में पति-पत्नी क्या बना सकते हैं संबंध?

अगर पति-पत्नी एक ही जेल में बंद हों, तो क्या वे मिल सकते हैं या शारीरिक संबंध बना सकते हैं? तिहाड़ जेल के रिटायर्ड जेलर सुनील गुप्ता ने एक इंटरव्यू में बताया कि यदि पति-पत्नी एक ही जेल में बंद हैं, तो उन्हें सप्ताह में एक बार मिलने की अनुमति होती है। लेकिन यह मुलाकात केवल बातचीत तक सीमित होती है। इस दौरान दोनों के बीच लोहे की छड़ें लगी होती हैं। एक तरफ पति होता है और दूसरी तरफ पत्नी।

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सुनील गुप्ता का कहना है कि जेल में प्रेम संबंधों को लेकर कोई विशेष छूट नहीं होती। यदि संबंध पिता-बेटी, मां-बेटा जैसे पारिवारिक रिश्ते हों, तो कुछ विशेष छूट दी जा सकती है, लेकिन पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति नहीं दी जाती।

बरेली जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा का कहना है कि उत्तर प्रदेश में पति-पत्नी एक ही जेल में बंद होने पर भी आपस में शारीरिक रूप से नहीं मिल सकते। हालांकि, कुछ अन्य राज्यों में ऐसी छूट दी जाती है।

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कोर्ट के फैसले क्या कहते हैं?

कई बार कैदी कोर्ट की शरण में भी गए हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जसवीर सिंह और सोनिया नाम के एक कपल की याचिका पर सुनवाई करते हुए साल 2015 में ऐतिहासिक फैसला दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जेल में बंद पति-पत्नी को बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति मिलनी चाहिए, और यह कैदी का मौलिक अधिकार है।

हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने यह भी कहा था कि यह अधिकार राज्य सरकार की नीतियों के अधीन होगा। यदि किसी नीति में विशेष कैटेगरी के कैदियों को यह छूट नहीं दी जाती है, तो यह अधिकार भी सीमित हो सकता है। मद्रास हाईकोर्ट ने भी एक ऐसे ही मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को यह छूट दी थी।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी जानकार प्रेम जोशी का कहना है कि भारत में ऐसा कोई स्पष्ट कानून नहीं है, जो कैदियों को वैवाहिक मुलाकात (Conjugal Rights) की अनुमति देता हो। हालांकि कुछ विशेष मामलों में अदालतों ने इसकी अनुमति दी है, जिससे कैदी अपने जीवनसाथी के साथ कुछ समय बिता सकें और इस दौरान शारीरिक संबंध भी बना सकें।

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मुस्कान को मिलेंगी ये सुविधाएं

मुस्कान का बैरक अब बदल दिया गया है। मेडिकल टेस्ट में प्रेग्नेंसी की पुष्टि होने के बाद जेल मैनुअल के अनुसार, अब मुस्कान को अलग बैरक में रखा गया है। अब वह दूसरी महिला बंदी संगीता के साथ रहेगी। गर्भवती वाली डाइट और दवाइयां भी मुस्कान को दी जाएंगी। इसके साथ ही उससे कोई कठोर काम नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही मुस्कान की निगरानी के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की जाएगी। बता दें कि मुस्कान अपने साथी साहिल के साथ मिलकर सौरभ की हत्या कर दी थी।

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Avinash Tiwari

First published on: Apr 13, 2025 05:25 PM

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