How Indians becomes part of Russian Army: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दो दिवसीय दौरे पर हैं। सोमवार की शाम को पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने साथ में डिनर किया। इस दौरान पीएम मोदी ने रूस में फंसे भारतीय सैनिकों का मुद्दा छेड़ा तो पुतिन ने भी फौरन इस मांग को मंजूरी दे दी। खबरों की मानें तो कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद रूस में मौजूद 200 के करीब भारतीय स्वदेश वापस लौट सकेंगे। हालांकि इन भारतीयों को लेकर लोगों के मन में ढेरों सवाल हैं। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लेने के लिए भारतीय रूस क्यों गए? किसकी मदद से वो रूस पहुंचे? अपनी मर्जी से रूस गए भारतीय अब वापस क्यों नहीं आ पा रहे हैं?
भारतीयों के रूस जाने की वजह
रूस-यूक्रेन युद्ध का शंखनाद करते हुए व्लादिमीर पुतिन को पूरा भरोसा था कि चंद दिनों में वो ये लड़ाई जीत जाएंगे। मगर इस युद्ध को शुरू हुए 2 साल हो गए हैं और अभी तक दोनों देशों के बीच युद्ध विराम नहीं हुआ है। युद्ध के दौरान रूसी सेना में युवाओं की भर्ती होने लगी। इस युद्ध में अब तक चार भारतीयों की मौत की खबर सामने आई है। खबरों की मानें तो भारत और दुबई में मौजूद कई एजेंट्स ने गरीब युवाओं को पैसों का लालच देकर रूस भेज दिया।
A memorable welcome in Moscow! I thank the Indian community for their affection. pic.twitter.com/acTHlLQ3Rs
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2024
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एजेंट्स ने किया गुमराह
रूसी सेना में भर्ती करने के लिए अविवाहित युवाओं को प्राथमिकता दी गई। एजेंट्स ने युवाओं को बहकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसका खुलास करते हुए बताया था कि एजेंट्स ने युवाओं से कहा कि रूसी सेना का हिस्सा बनने के बाद उन्हें हर महीने 1.5 लाख रुपये की सैलरी मिलेगी। इसके अलावा उन्हें रूस में रहने के लिए घर और बिजनेस सेटअप करने के लिए लोन भी दिया जाएगा।
रूस में कैसे फंसे भारतीय?
एजेंट्स की बातों में आकर भारतीयों ने रूस जाने का फैसला किया और रूसी सेना के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया। भारतीयों को लगा कि अब शायद उनकी गरीबी दूर हो जाएगी और युद्ध खत्म होने के बाद वो ढेर सारे पैसों के साथ भारत वापस लौट आएंगे। दुर्भाग्यवश ना तो रूस-यूक्रेन युद्ध पर विराम लगा और ना ही भारतीयों को इतना पैसा मिला। युद्ध जारी होने के कारण उनका कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द नहीं हो सकता। ऐसे में रूसी सेना में रहना भारतीयों की मजबूरी बन गई थी।
Since @narendramodi is in Russia, he must follow up with Putin and stop the recruitment of Indians to fight in the Ukraine war. He should also ensure that innocent Indians who are stuck in the war are brought back home at the earliest.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 8, 2024
भारतीयों से संपर्क नहीं कर सकी सरकार
आंकड़ों की मानें तो 200 के करीब भारतीय रूसी सेना में मौजूद हैं। भारत सरकार ने भारतीयों से संपर्क करने की काफी कोशिश की। मगर युद्धस्थल पर होने के कारण उनसे बातचीत नहीं हो सकी। CBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई राज्यों में मानव तस्करी होती है। इसके जरिए भी भारतीयों को रूस भेजा गया है। रूसी सेना से भारतीयों के कई वीडियो सामने आ चुके हैं, जिसमें पंजाब और हरियाणा समेत दक्षिण भारत के लोग रूसी सेना की ड्रेस में नजर आते हैं।
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