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दिल्ली के दरियागंज में पैदा हुआ लड़का कैसे बना पाकिस्तान का तानाशाह, जानें मुशर्रफ की कहानी

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। दुबई में मुशर्रफ ने आखिरी सांस ली। वे 79 साल के थे। मुशर्रफ लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। परवेज मुशर्रफ की पाकिस्‍तान की राजनीति में महत्‍वपूर्ण भू‍मिका रही है। एक वक्त वो पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Feb 6, 2023 12:19
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Musharraf
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का रविवार को निधन हो गया। दुबई में मुशर्रफ ने आखिरी सांस ली। वे 79 साल के थे। मुशर्रफ लंबे समय से अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे। परवेज मुशर्रफ की पाकिस्‍तान की राजनीति में महत्‍वपूर्ण भू‍मिका रही है। एक वक्त वो पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली शख्स थे। आपको जानकर हैरानी होगी की मुशर्रफ का जन्म पाकिस्तान में नहीं बल्कि भारत में हुआ था।

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। 1947 में भारत विभाजन के कुछ दिन पहले ही उनका पूरा परिवार पाकिस्तान जाने का फैसला किया था। उनके पिता पाकिस्तान सरकार में विदेश मंत्रालय में काम करते थे। परवेज मुशर्रफ के पिता का तबादला पाकिस्‍तान से तुर्की हुआ। 1949 में वह तुर्की चले गए।

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21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तानी आर्मी जॉइन की

1957 में मुशर्रफ का पूरा परिवार फिर पाकिस्‍तान लौट आया। उनकी स्‍कूली शिक्षा कराची के सेंट पैट्रिक स्‍कूल और कॉलेज की पढ़ाई लहौर के फॉरमैन क्रिशचन कॉलेज में हुई। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद 21 साल की उम्र परवेज मुशर्रफ ने बतौर जूनियर अफसर पाकिस्तानी आर्मी जॉइन कर ली। उन्होंने 1965 के युद्ध में भारत के खिलाफ लड़ाई लड़ी। परवेज मुशर्रफ का सैन्य कमांडर और आर्मी चीफ से लेकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया।

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कारगिल की रची साजिश 

1971 में भारत के साथ दूसरे युद्ध में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पड़ा। इस युद्ध में भी मुशर्रफ की अहम भूमिका रही। जिसे देखते हुए सरकार ने उन्हें कई बार प्रमोट किया। 1998 में परवेज मुशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारत के खिलाफ कारगिल की साजिश रची। 1999 में उन्होंने बिना खून बहाए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद से हटा कर सत्ता हथिया ली। साल 2002 में उन्होंने जनमत संग्रह कराया और 5 साल के देश के राष्ट्रपति बन गए। उनपर आरोप लगा कि चुनावों में धांधली हुई। मुशर्र्फ को अमेरिका का साथ मिला।

पाकिस्तान में आपातकाल लागू किया

2007 में एक फिर राष्ट्रपति की कमान संभाली। हालांकि इस बार उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर को चर्चा की और 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल की घोषणा कर दी। सत्ता में रहते हुए जनरल मुशर्रफ ने बलूचिस्तान में आजादी की मांग करने वालों के साथ काफी बुरा सुलूक किया। सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई।

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चला देशद्रोह का मुकदमा

मार्शल लॉ की घोषणा के मामले में 2013 में मुशर्रफ पर देशद्रोह का केस चला, इसके बाद नवाज शरीफ की सरकार ने अप्रैल 2013 में उनकी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर बैन लगा दिया था। हालांकि परवेज मुशर्रफ ने 18 मार्च 2016 की सुबह पाकिस्तान छोड़ दिया था। देश छोड़ने की वजह खराब सेहत बताई थी। देशद्रोह के मुकदमे में मुशर्रफ को 31 मार्च, 2014 को दोषी ठहराया गया। मार्च 2016 से वह दुबई में रह रहे थे।

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HISTORY

Written By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Feb 05, 2023 01:29 PM

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