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कौन है चंद्रयान-3 का वो टेक्नीशियन, जो रांची में सड़क किनारे बेच रहा इडली

Chandrayaan-3 Launchpad Technician Selling Idlis: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। इसमें इसरो के कई साइंटिस्ट्स का योगदान रहा है। देश और दुनिया उनकी उपलब्धि का बखान कर रही है, लेकिन इस बीच एक इडली वाला साइंटिस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। रिपोर्ट्स […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Sep 19, 2023 20:42
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HEC Technician Deepak Kumar Uprariya Helped Chandrayaan-3 Launchpad Selling Idlis in Ranchi
HEC Technician Deepak Kumar Uprariya Helped Chandrayaan-3 Launchpad Selling Idlis in Ranchi

Chandrayaan-3 Launchpad Technician Selling Idlis: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। इसमें इसरो के कई साइंटिस्ट्स का योगदान रहा है। देश और दुनिया उनकी उपलब्धि का बखान कर रही है, लेकिन इस बीच एक इडली वाला साइंटिस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HEC) में तकनीशियन दीपक कुमार उपरारिया ने इसरो के चंद्रयान -3 लॉन्चपैड के निर्माण के लिए काम किया था। वह अब अपने रोजमर्रा के खर्चे और गुजारा करने के लिए रांची में सड़क किनारे एक दुकान पर इडली बेच रहे हैं।

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पुरानी विधानसभा के सामने दुकान चलाते हैं दुकान

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, वह रांची के धुर्वा इलाके में पुरानी विधानसभा के सामने दुकान चलाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि चंद्रयान-3 के लिए फोल्डिंग प्लेटफॉर्म और स्लाइडिंग गेट बनाने वाली भारत सरकार की कंपनी (सीपीएसयू) एचईसी ने 18 महीने तक वेतन नहीं दिया। जिसके बाद उन्हें मजबूर होकर सड़क किनारे छोटी सी दुकान खोलनी पड़ी। रिपोर्ट के मुताबिक, एचईसी के करीब 2,800 कर्मचारियों का दावा है कि उन्हें पिछले 18 महीने से सैलरी नहीं मिली है।

लाखों का है कर्ज

उपरारिया ने कहा कि वह पिछले कुछ दिनों से परिवार का खर्च चलाने के लिए इडली बेच रहे हैं। वह अपनी दुकान और ऑफिस का काम एक साथ संभालते रहे हैं। वह सुबह इडली बेचकर दोपहर को ऑफिस जाते हैं। फिर शाम को घर वापस जाने से पहले इडली बेचते हैं। उपरारिया ने कहा- “मैं कुछ समय तक क्रेडिट कार्ड से घर चलाता रहा। इसके बाद मैंने 2 लाख का लोन ले लिया। फिर मुझे डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया। मैंने फिर रिश्तेदारों से पैसे लेकर घर चलाया। अब तक मैंने चार लाख रुपये का कर्ज लिया है। पैसे नहीं लौटा पाया तो लोगों ने उधार देना बंद कर दिया। फिर मैंने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रख दिए और कुछ दिनों तक घर चलाया।”

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बेटियों की स्कूल फीस भरने तक को पैसे नहीं

टेक्नीशियन के मुताबिक, मैंने इडली बेचने का फैसला ‘भुखमरी का समय’ आने पर लिया। इडली बेचकर मुझे हर दिन 300 से 400 रुपये मिलते हैं। इसमें से मैं 50-100 रुपये का मुनाफा कमाता हूं। इन्हीं पैसों से मेरा घर चलता है। उपरारिया मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने 2012 में निजी कंपनी में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। फिर 8 हजार रुपये महीने की सैलरी पर एचईसी जॉइन की।

उन्होंने कहा- मेरी दो बेटियां स्कूल जाती हैं। मैं अभी तक उनकी फीस नहीं भर पाया हूं। स्कूल की ओर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। यहां तक कि क्लास में भी उन्हें अपमानित किया जाता है। जब मेरी बेटियां रोते हुए घर आती हैं, तो उन्हें देखकर मेरा दिल टूट जाता है।” बता दें कि चंद्रयान-3 ने अगस्त में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। उस समय पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों को बधाई दी। साथ ही चंद्रयान मिशन के लॉन्चपैड कार्यकर्ताओं को भी संबोधित किया था।

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Written By

Pushpendra Sharma

First published on: Sep 19, 2023 08:42 PM

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