पल्लवी झा/नई दिल्ली
देश में बढ़ते हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामलों के बीच बड़ा ही हैरान करने वाला पहलू उभरकर आया है। दरअसल, ढाई-तीन साल में दुनिया में मौत का तांडव कर चुके कोरोना वायरस का नाम लेते ही आज भी लोग कांप जा रहे हैं। हंसते-खेलते या पार्क में सैर कर रहे लोग ऐसे ही दुनिया से विदा नहीं हो जा रहे। इनकी जान भी कोरोना ही ले रहा है। यह खुलासा इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने किया है। हालांकि फिलहाल रिसर्च के आंकड़े रिलीज नहीं किए गए हैं, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने देश में बढ़ते हृदयाघात के मामले की वजह कोरोना वायरस को बताया है। मंत्री के अनुसार डिटेल्ड स्टडी के बाद ICMR ने सीविअर कोविड से पीड़ित लोगों को अधिक परिश्रम से बचने की सलाह दी है। एक-दो साल ऐसे लोग तेज दौड़ने, कड़ी एक्सरसाइज ना करें, ताकि हार्ट अटैक की घटना से बच सकें। कुल मिलाकर स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कर दिया कि आने वाली रिपोर्ट कोविड संक्रमित हुए लोगों में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के रिस्क की तरफ ही इशारा करने वाली है।
एम्स और प्राइमस के डॉक्टर बोले- कोरोना वायरस के कई साइड इफेक्ट
एम्स के कार्डियक विभाग के डॉक्टर एएस मल्ही के मुताबिक कोरोना महामारी में लंग्स और हार्ट को सबसे जायदा नुकसान हुआ। एक तरफ फेफड़ों में सूजन और निमोनिया ने कहर बरपाया, वहीं हार्ट में आर्टियल फाइबरिलेशन यानि स्पीड अचानक ऊपर-नीचे होने आर्टरीज में खून के थक्के बन जाने के कारण दिल का दौरा पड़ने का खरता बढ़ता गया। उधर, प्राइमस अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अम्बरीश जोशीका कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में इसके शरीर के कई हिस्सों पर अटैक करने की बात सामने आई, जिनमें से एक दिल भी है। कोविड की वजह से कई बीमारियां प्रोलोंग हो गई और हार्ट अटैक का रेट बढ़ गया। जब भी शरीर की मेहनत बढ़ती है, हार्ट पर असर होता ही है। ऐसे में परिणाम सबके सामने हैं।
हार्ट अटैक पर रिसर्च
भारत में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामलों में बढ़ोतरी को लेकर इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च लंबे समय से इसकी वजह पर रिसर्च कर रहा था कि देश में अचानक से बढ़े हार्ट अटैक के केसों में बढ़ोतरी की आखिर वजह क्या है। शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक से मरने वाले 100 से अधिक लोगों की जांच की तो पाया गया कि हार्ट अटैक के शिकार ज्यादातर लोग महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आए थे। शवों की एमआरआई जांच में कोरोना के कारण हृदय-फेफड़ों की समस्याओं के बारे में पता चला। हालांकि अभी किसी तरह की कोई रिपोर्ट ICMR की तरफ से सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने इसका कुछ रहस्योद्घाटन जरूर कर दिया।
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जानें कोविड के बाद शरीर में क्या बदला?
ICMR की रिसर्स के मुताबिक, कोविड-19 से एक साल पहले ठीक हो चुके लोगों में सेरेब्रोवास्कुलर की पेचीदगियों, हृदय गति की असमानता, इंफ्लेमेशन या इस्केमिक हार्ट डिजीज का खतरा हो सकता है। सीने में दर्द, बेचैनी, शरीर के बाएं हिस्से में दर्द, पीठ, कंधे, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द होने के साथ सांस लेने में कठिनाई महसूस होना, ऐसी समस्याएं देखें तो गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। ऐसे में भले ही आप में संक्रमण के दौरान हल्के स्तर के ही लक्षण रहे हों फिर भी ऐहतियातन हृदय की जांच करा लें और नियमित रूप से हृदय को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहें। सतर्कता ही बचाव का एक आसान रास्ता है।
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हाल में हुई गुजरात में बड़ी घटना
बता दें कि पिछले साल कभी किसी जागरण में शिव तांडव कर रहे कलाकार की, कभी गणपति पंडाल में नाचे हनुमान बने कलाकार की तो कहीं दोस्ताें के साथ बैडमिंटन खेलने आए एक शख्स की मौत हो जाने की बहुत सी घटनाएं सामने आई थी। इन घटनाओं ने सोचने पर मजबूर कर दिया था कि आखिर इस तरह कार्डियक अरेस्ट आने की वजह क्या हो सकती है। अब बीते दिनों गुजरात में नवरात्र महोत्सव के दौरान गरबा खेलते वक्त दिल का दौरा पड़ने से कई लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद गुजरात राज्य स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक में दिल का दौरा पड़ने के कारणों और उपचार का पता लगाने को कहा गया था।