Road Safety Measures: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि सरकार ड्राइवरों के वर्किंग आवर्स को ट्रैक करने के लिए एक सिस्टम पर काम कर रही है। इसपर चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि ड्राइवर अक्सर 12 घंटे से अधिक काम करते हैं, जो उनकी सुरक्षा और प्रोडक्टिविटी पर नेगेटिव प्रभाव डालता है, जिसमें खासकर हेवी व्हीकल चलाने वाले ड्राइवर शामिल हैं।
8 घंटे की शिफ्ट करेंगे ड्राइवर
गडकरी ने बताया कि जयपुर में हाल ही में हुई एक दुर्घटना हुई थी, जिसकी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इसमें शामिल एलपीजी टैंकर का ड्राइवर 12 घंटे से अधिक समय से गाड़ी चला रहा था। उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और अन्य विकसित देशों में ड्राइवरों को अधिकतम आठ घंटे तक गाड़ी चलाने की अनुमति मिलती है। हालांकि, भारत में आठ घंटे की ड्राइविंग नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। ऐसा ही एक उपाय में ड्राइवरों के वर्किंग आवर्स को ट्रैक करने वाले सिस्टम को उनके आधार कार्ड से जोड़ना है, जिससे ड्राइवर अपने कार्ड को स्वाइप करके अपने ऑवर्स को लॉग कर सकेंगे।
नई सुविधाओं पर चल रहा काम
इसके अलावा, गडकरी ने उल्लेख किया कि सरकार सभी नए भारी वाहनों में ड्राइवरों को नींद आने की चेतावनी देने के लिए ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल और ऑडियो अलर्ट जैसी सुविधाएं अनिवार्य बनाने के लिए काम कर रही है।
सड़क परिवहन सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि सरकार तकनीक का उपयोग करके ड्राइवरों के वर्किंग आवर्स पर नजर रखने के लिए तेजी से काम कर रही है। ड्राइविंग ऑवर्स निगरानी के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTDS) और आधार कार्ड को इंटीग्रेट किया जा सकता है। वहीं सभी कमर्शियल व्हीकल के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग पहले से ही जरूरी है।
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