भारत सरकार ने गुरुवार को उस रिपोर्ट का खंडन किया है, जिसमें दावा किया गया था कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से पहले भारत ने रूस के साथ दो अरब डॉलर की पनडुब्बी डील की है. सरकार ने इस रिपोर्ट को ‘गुमराह करने वाली’ बताया है. यह रिपोर्ट ब्लूमबर्ग ने प्रकाशित की थी. पीआईबी ने साफ तौर पर कहा कि ऐसी कोई नई डील नहीं हुई है. यह मामला साल 2019 में हुए कॉन्ट्रेक्ट की पनडुब्बी लीज का है. इसकी डिलीवरी में देरी हो रही थी, जिसके लिए अब साल 2028 की डेडलाइन तय की गई है.
पीआईबी की ओर से इस खबर का फैक्ट चेक किया गया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीआईबी फैक्ट चेक ने लिखा है, “इस खबर में जो दावा किया गया है, वो गुमराह करने वाला है. भारत और रूस के बीच कोई नई डील नहीं हुई है. यह पनडुब्बी लीज 2019 में हुए कॉन्ट्रेक्ट बेस्ड है. इसकी डिलिवरी में देरी हो रही थी, अब इसकी डिलिवरी 2028 में रखी गई है.
The headline of an article by @Bloomberg claims that 'India Clinches $2 Billion Russia Submarine Deal as Putin Visits.'#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 4, 2025
❌The claim made in this headline is misleading!
✅ No new deal has been signed between India and Russia.
✅ The submarine lease is based on… pic.twitter.com/huNTik8GJh
दो दिन के भारत दौरे पर पुतिन
रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे हैं. पुतिन 23वीं भारत-रूस समिट में शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पुतिन का स्वागत करने पहुंचे. संभावना जताई जा रही है कि इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच दर्जनभर से ज्यादा समझौते हो सकते हैं.
क्या बोले रूसी रक्षा मंत्री
पुतिन से पहले रूसी रक्षामंत्री आंद्रेई बेलौसोव दिल्ली पहुंच गए थे. उन्होंने सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर 22वीं इंडिया-रशिया इंटर-गवर्नमेंट कमिशन की बैठक में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. रूसी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच पुरानी दोस्त का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “जैसा कि आपने अभी कहा, दोनों देश एक दूसरे का सम्मान करते हुए पुराने जमाने से दोस्त हैं. जब हम कार से यहां आ रहे थे, तो कई मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे. इसमें हम लोग सहमत थे कि दोनों देश एक गहरी परंपरा से जुड़े हैं.”
उन्होंने भारत आने पर हुए सम्मान की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, “मुझे भारत की धरती पर आपसे एक बार फिर मिलकर काफी खुशी हुई. दिल्ली उतरते ही हमारा भव्य स्वागत हुआ, जिसके लिए हम आभारी हैं.”
भारत को क्या मिल सकता है?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, पुतिन की यह यात्रा भारत–रूस आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने में अहम भूमिका निभाएगी. राष्ट्रपति पुतिन बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हैं. भारत को उम्मीद है कि इस दौरे के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बढ़ेगा. यानी भारत का रूस को निर्यात बढ़ सकता है. निर्यात के लिए मुख्य फोकस मेडिसीन, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर प्रोडेक्ट्स और समुद्री प्रोडेक्ट्स पर होगा. इंडिया प्रोडेक्ट्स को रूस में बड़ा बाजार मिल सकता है. इससे नौकरियां पैदा हो सकती हैं और किसानों के लिए बेहतर अवसर बनेंगे. कई समझौते और MoUs होने की उम्मीद है.










