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क्या BCCI पर लटकेगी सरकारी तलवार? बाउंसर साबित होगा ‘नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल’!

BCCI-National Sports Governance Bill: संसद में इन दिनों मानसून सत्र चल रहा है। लेकिन बुधवार का दिन राजनीति से हटकर खेल नीति पर चर्चा होगी। सरकार बुधवार को 'नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल' पेश करने जा रही है। इससे सबसे ज्यादा बीसीसीआई प्रभावित होगा। विस्तार से पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Edited By : Raghav Tiwari Updated: Jul 22, 2025 23:31
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BCCI-National Sports Governance Bill: 23 जुलाई को भारतीय क्रिकेट के लिए अहम दिन होने वाला है। इस बार निगाहें किसी स्टेडियम पर नहीं बल्कि लोकतंत्र के मंदिर संसद पर हैं। बुधवार को सरकार संसद ने ‘नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल’ पेश करने जा रही है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) होगा। अभी तक भारत में सभी खेल महासंघ (NSF) देश के कानूनों का पालन करते हैं, लेकिन फिलहाल बीसीसीआई इससे बाहर है। वह अपने को हमेशा स्वायत्त संस्था बताकर किनारे कर लेता था।

सूत्र ने बताया कि नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के कानून बनने के बाद बीसीसीआई को भी बाकी खेल महासंघों के लिए तरह भारतीय कानूनों का पालन करना पड़ेगा। यह बिल लाकर सरकार ने एक तरीके से बीसीसीआई को बाउंसर गेंद फेंकी है। अब देखना है कि बीसीसीआई इसका सामना कैसे करेगा। हालांकि दावा किया जा रहा है कि किसी भी खेल महासंघ पर सरकार का पूरा नियत्रंण नहीं होगा। सरकार केवल व्यवस्थित करने की भूमिका निभाएगी।

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क्या है BCCI और सरकार के विवाद?

बीसीसीआई और सरकार के बीच विवाद छिपे नहीं हैं। दोनों में नियम, खेल, पदाधिकारी आदि पर कई बार तकरार सामने आ चुके हैं। मामला तब और बढ़ गया था जब साल 2019 में क्रिकेट प्रतियोगता के दौरान सरकार की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने एंट्री की। इस पर बीसीसीआई ने आपत्ति ली और खिलाड़ियों का सैंपल देने से मना कर दिया। बीसीसीआई ने हर बार यह कहकर मना कर दिया कि बीसीसीआई कोई खेल महासंघ नहीं है। न ही उसे भारत सरकार या खेल मंत्रालय से को फंड मिलता है। बीसीसीआई एक स्वायत्त संस्था है। ऐसे ही सेलेक्टर, बीसीसीआई समिति पर भी सरकार और बीसीसीआई आमने सामने आ चुके हैं।

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क्या है नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल?

इस बिल को खेल संघों में सुधार के लिए लाया जा रहा है। खेल मंत्रालय का दावा है कि इस बिल के बाद खेल संघों में समय पर चुनाव कराना, मैनेजमेंट सुधार, खिलाड़ियों के लिए बेहतर उपाय किए जाएंगे। बिल में बताया गया है कि राष्ट्रीय खेल पंचाट (ट्रिब्यूनल) बनाया जाएगा। यह खेल से जुड़े विवादों का निपटारा करेगा। सभी मामलों में यह अंतिम फैसला सुनाएगा। इसके निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।

कैसा होगा राष्ट्रीय खेल बोर्ड?

बिल के अनुसार, राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) का गठन केंद्र सरकार करेगी। बोर्ड में एक अध्यक्ष और 4 सदस्य होंगे। सदस्यों की नियुक्ति सर्च-कम-सेलेक्शन कमेटी की सिफारिश पर की जाएगी। इस कमेटी के अध्यक्ष कैबिनेट सचिव या खेल सचिव होंगे। इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के महानिदेशक, दो अनुभवी खेल प्रशासक (खेल संघ में अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष रहें हों) और अर्जुन, खेल रत्न या द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त एक खिलाड़ी शामिल होगा। बोर्ड खेल महासंघों की मान्यता देने और फंडिंग का काम करेगा। साथ ही शिकायतों और विसंगतियों के आधार खेल महासंघ को निलंबित करने का अधिकार बोर्ड के पास रहेगा।

रोजर बिन्नी को मिल सकता है फायदा

बिल में खेल संघ के पदाधिकारियों की आयु से संबंधित एक नियम है। अब पदाधिकारियों की अधिकतम आयु 70 साल से बढ़ाकर 75 साल की जा सकती है। अगर किसी खेल की अंतरराष्ट्रीय संघ को कोई आपत्ति न हो। इस नियम का बड़ा लाभ वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी को होगा। हाल ही में, उनकी उम्र 70 साल हुई है। बिल के कानून बनने के बाद रोजन 5 साल और अध्यक्ष रह सकेंगे।

2028 में ओलंपिक में लेगा भाग

क्रिकेट अब ओलंपिक में शामिल हो गया है। साल 2028 में लॉस एंजिलिस ओलिंपिक खेलों में क्रिकेट भाग लेगा। इसके ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने खेल संगठनों में पारदर्शिता के लिए और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल लाने जा रही है। सरकार का दावा है कि इस बिल के बाद खेल संघों की मनमानी और विसंगतियों होगीं।

14 साल पुरानी है इस बिल की कहानी

संसद ने बुधवार को यह बिल पहली बार पेश होने नहीं जा रहा है। इसकी कहानी 14 साल पुरानी है। साल 2011 में राज्यसभा सांसद अजय माकन ने इस खेल बिल को पेश किया था। लेकिन खेल महासंघों और सदस्यों की वजह से वह बिल पास नहीं हो पाया था। हालांकि मामले में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख ने कहा कि बिल में को विस्तार से बनाने के लिए माकन के अनुभव और पुराने मसौदे का सहारा लिया है।

आसान नहीं होगी मान्यता और फंडिंग

कुछ दिन पहले ही केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल में राष्ट्रीय खेल बोर्ड का गठन होगा। यह बोर्ड मान्यता और फंडिंग देने का भी काम करेगा। लेकिन इसके लिए संघों को अनुशासन से जुड़ीं शर्तों का पालन करना होगा।  साथ ही खेल महासंघ को संघ में वित्तीय और नैतिक मानकों का पालन करना होगा।

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First published on: Jul 22, 2025 11:30 PM

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