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सुहाना होगा सफर; अमेरिका के साथ मिलकर भारत चलाएगा ‘इंडिया-मेड’ 10,000 ई-बसें

E-buses in India: पर्यावरण की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की एक बड़ी योजना को सफलता मिली है। भारत और अमेरिका ने भारत की सड़कों पर 10,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें (E-buses) शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। इससे भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक बड़ा […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 21, 2023 12:07
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प्रतीकात्मक तस्वीर।

E-buses in India: पर्यावरण की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की एक बड़ी योजना को सफलता मिली है। भारत और अमेरिका ने भारत की सड़कों पर 10,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें (E-buses) शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है। इससे भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगी। हालांकि वर्तमान में भारत के कई शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में ई-बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुआ था समझौता

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की शुरुआत में पीएम मोदी ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की थी। इस दौरान भारत के विभिन्न शहरों में इंडिया मेड 10,000 इलेक्ट्रिक बसों को चलाने पर सहमति जताई गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह प्रयास संयुक्त रूप से जलवायु संकट से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना भारत में टिकाऊ और ईको फ्रेंडली बसें चलाने की दिशा में एकक सराहनीय कदम है।

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ई-बसों से ये होगा फायदा

रिपोर्ट में अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया है कि हम जानते हैं, इलेक्ट्रिक बसें दुनिया को बदल सकती हैं, क्योंकि वे ध्वनि और वायु प्रदूषण नहीं करती हैं। इससे हमें कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिलेगी और और हमें एक ऐसा भविष्य मिलेगा जो हमारे रहने लायक होगा। इसी वजह से अमेरिकी सरकार भारत के साथ मिलकर काम कर रही है। लिहाजा भारत के प्रमुख शहरों की सड़कों पर अब जल्द ही ई-बसें दौड़ती हुई दिखाई देंगी।

…ताकि भारत में हो विस्तार

अमेरिकी दूतावास की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका को भारत के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, क्योंकि यह उस बदलाव को दर्शाता है जिसे केंद्रित और सहकारी कार्रवाई के माध्यम से हासिल किया जा सकता है। गार्सेटी ने कहा कि हर दिन हम वैश्विक स्तर पर जलवायु संकट का प्रभाव देखते हैं। कहा गया है कि घोषित साझेदारी पूरे भारत में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों के बेड़े के लिए पैसा जुटाएगी, ताकि भारत में इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन के विकल्पों का विस्तार हो सके।

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जी20 सम्मेलन में उठा था पर्यावरण का मुद्दा

विज्ञप्ति में कहा गया है कि हालिया जी20 शिखर सम्मेलन ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन समेत स्थायी निवेश के माध्यम से जलवायु संकट से निपटने के लिए साझेदारी कर रहे हैं। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों के बीच यह नई पहल दिखाती है कि कैसे सार्वजनिक और निजी भागीदार उत्सर्जन कम करने और विद्युत गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी हुई विज्ञप्ति

इस नई साझेदारी में यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और जलवायु के लिए अमेरिकी विशेष राष्ट्रपति दूत का कार्यालय शामिल है। बताया गया है कि सरकार इस योजना में तेजी लाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के साथ साझेदारी करेगी। इनके अलावा भारत के भारी उद्योग मंत्रालय और कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड समेत ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट और सिकोइया फाउंडेशन जैसे निजी संगठनों के साथ भागीदार और सहयोग करेंगे।

अभी भारत में चलती हैं इतनी ई-बसें

बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2015 से लेकर मार्च 2023 तक भारत में करीब 4000 ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी सरकारों की ओर से ई-बसें चलाई जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में करीब 800 बसों को संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम सुखबिंदर सिंह सुक्खू ने भी कैबिनेट बैठक में वे हिमाचल प्रदेश में जल्द ही ई-वाहनों को सार्वजनिक परिवहन में शामिल करने का प्रस्ताव लेकर आएंगे।

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First published on: Sep 21, 2023 11:58 AM

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