Goa mountaineer Girl: गोवा की 12 वर्षीय पर्वतारोही गुंजन पंकज प्रभु नार्वेकर ने अनोखा वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। गुंजन ने 62.5 घंटों में लद्दाख क्षेत्र की मार्खा घाटी में 6000 मीटर से ऊपर तीन चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है। इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद गुंजन का लक्ष्य अब माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करना है।
गुंजन नार्वेकर गोवा के ज्ञान विकास स्कूल की कक्षा 8 की छात्रा है। उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में मार्खा घाटी की तीन चोटियों माउंट कांग यात्से-II (6250 मीटर), माउंट रेपोनी मल्लारी-I (6097 मीटर) और माउंट रेपोनी मल्लारी -II (6113 मीटर) पर्वत श्रृंखलाओं पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की है।
चढ़ाई के दौरान हुई कठिनाइयों को गुंजन ने किया शेयर
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए गुंजन ने ट्रैक के दौरान हुई कठिनाई को साझा किया। उन्होंने बताया कि जब हम गए तो मौसम काफी ख़राब था। अनुमान नहीं था कि इस महीने बर्फबारी होगी, जब हम गए तो हमें उम्मीद थी कि आसमान साफ होगा और इतनी बर्फबारी नहीं होगी। बर्फ के कारण यह और भी कठिन था, क्योंकि चलते समय हमारे पैर बर्फ में घुटनों तक और कुछ स्थानों पर कूल्हों तक चले जाते थे और इसे हटाने से हमें अधिक थकान होती थी।
गुंजन ने कहा कि अब मेरा लक्ष्य दुनिया की अन्य सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने का है। अपनी भविष्य की योजना को साझा करते हुए गुंजन ने कहा कि भविष्य में मेरी योजना 7000 मीटर से अधिक की चोटी पर चढ़ाई करना है। उन्होंने बताया कि देश में 16 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को 7000 मीटर से अधिक की चोटी करने की अनुमति नहीं है। इसलिए मैं भारत के बाहर की चोटी पर चढ़ाई करूंगी। मैं बस माउंट एवरेस्ट और अन्नपूर्णा पर चढ़ना चाहती हूं और अपने माता-पिता और देश को गौरवान्वित करना चाहती हूं।
गुंजन की मां ने देशभर के पैरेंट्स से की ये अपील
ANI से बात करते हुए गुंजन की मां ने अपनी खुशी व्यक्त की और कहा कि एक ट्रैकर के रूप में उसे ये सभी उपलब्धियां हासिल करते हुए देखकर मैं बहुत खुश हूं। मेरा मानना है कि सभी माता-पिता को अपने बच्चों को उस क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने के लिए समर्थन देना चाहिए जिसमें वे करना चाहते हैं या फलना-फूलना चाहते हैं।
बता दें कि इसी साल मई में रायगढ़ की यशी जैन 26 घंटे में दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट और चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से पर चढ़ने वाली छत्तीसगढ़ की सबसे कम उम्र की लड़की बन गईं।
यशी जैन ने कहा कि मेरा सपना 7 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ना है, जिनमें से केवल 3 ही बचे हैं। इसके अलावा, मैं छत्तीसगढ़ के बच्चों और हमारी महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हूं। वे आज हर क्षेत्र में आगे हैं लेकिन उन्हें वह पहचान नहीं मिल रही है जिसके वे हकदार हैं। मुझे इस पर काम करने की जरूरत है।