प्रसिद्ध गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ता पासला कृष्णा भारती का रविवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर अपनी अंतिम सांस ली। कृष्णा भारती के निधन से शोक की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी मृत्यु पर शोक जताया और सोशल मीडिया पर खास नोट लिख भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्हे वंचितों, विशेषकर दलितों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों और शैक्षणिक संस्थानों में अपने उदार योगदान के लिए जाना जाता है।
कौन थीं कृष्ण भारती
कृष्णा भारती जन्म से ही सुर्खियों में रही हैं। आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले की रहने वाली उस महिला का जन्म जेल में हुआ था। उनकी माता का नाम अंजा लक्ष्मी था और पिता का नाम पासला कृष्ण मूर्ति जो स्वतंत्रता सेनानी थे। जानकारी के लिए बता दें कि कृष्णा भारती के माता-पिता भी स्वतंत्रता सेनानी थे जो स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल में थे। वहीं कृष्णा भारती का जन्म हुआ। उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का प्रण किया और मरते दम तक सिर्फ देश के लिए सोचा। कृष्णा भारती के चार भाई और तीन बहनें थीं।
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पीएम मोदी ने जताया दुख
कृष्णा भारती के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक फोटो पोस्ट करते हुए खास नोट लिखा और कृष्णा भारती को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने लिखा- पासला कृष्णा भारती जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। वह गांधीवादी मूल्यों के प्रति समर्पित थीं और उन्होंने अपना जीवन बापू के आदर्शों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने अपने माता-पिता की विरासत को शानदार ढंग से आगे बढ़ाया, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सक्रिय थे। मुझे याद है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी जताया दुख
पासला कृष्णा भारती के निधन पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भी दुख जताया। उन्होंने लिखा- पश्चिम गोदावरी जिले के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी पासला कृष्णमूर्ति और अंजलक्ष्मी की बेटी कृष्णा भारती जीवन भर गांधीवादी रहीं। उन्होंने गांधीजी द्वारा सिखाए गए मूल्यों का पालन किया। उन्होंने निम्न वर्गों में शिक्षा फैलाने के लिए काम किया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों और गौशालाओं को दान दिया। हमारे बीच ऐसे व्यक्ति का न होना बहुत बड़ी क्षति है।
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