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अफगानिस्तानी झंडे को लेकर दिल्ली में हाई वोल्टेज ड्रामा, विदेश मंत्री मुत्तकी की टीम और दूतावास स्टाफ में तीखी बहस

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे पर झंडे को लेकर विवाद खड़ा हो गया. दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले तालिबान सरकार का झंडा लगाने की कोशिश की गई, लेकिन दूतावास स्टाफ ने इसका विरोध किया और कहा कि भारत सरकार ने इस झंडे को मान्यता नहीं दी है. विवाद के बाद झंडा नहीं लगाया गया.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Oct 10, 2025 23:53
Amir Khan Muttaqi

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं. इस दौरान जब वह अफगानिस्तान के दूतावास से प्रेस कांफ्रेंस करने वाले थे तो झंडे को लेकर विवाद खड़ा हो गया. विदेश मंत्री की टीम और दूतावास स्टाफ के बीच जमकर बहस हुई है. अंत में विदेश मंत्री की टीम को झुकना पड़ा और दूतावास स्टाफ की बात माननी पड़ी है.

बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी दूतावास में एक प्रेस कांफ्रेस संबोधित करने वाले थे. इस दौरान वहां तालिबान के इस्लामिक अमीरात सरकार का झंडा लगाया जाने लगा, इस पर दूतावास स्टाफ ने आपत्ति जताई और कहा कि इस झंडे को अभी तक भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लिहाजा इसे नहीं लगाया जा सकता है. इस मामले को लेकर दोनों पक्ष के बीच जमकर बहस हुई.

बता दें कि अभी भी दिल्ली में मौजूद अफगानिस्तान के दूतावास में अफगानिस्तान की पुरानी सरकार का ही झंडा लगा हुआ है, उसे तालिबान की सरकार के नए झंडे से नहीं बदला गया है. अंत में दूतावास के स्टाफ अपनी बात पर अड़े रहे और झंडा नहीं लगाने दिया.

अफगान दूतावास में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में महिला पत्रकारों की संख्या शुन्य थी. इतना ही नहीं, 20 से भी कम पत्रकारों को एंट्री मिली थी. बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में भागीदारी का फैसला विदेश मंत्री मुत्तकी के साथ आए तालिबान के अधिकारियों ने लिया था. उन्होंने बताया कि भारतीय अधिकारियों ने संदेश दे दिया था कि महिला पत्रकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: नोबेल विजेता चुनने वाले लोगों को कैसे दी जाती है सुरक्षा, टीम में कितने सदस्य होते हैं शामिल?

तालिबान प्रशासन के अंदर महिलाओं के अधिकारियों को खत्म किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगान महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के अवसरों से वंचित किया जा रहा है और वे पुरुष रिश्तेदारों के बिना कई सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं. इसके अलावा, लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है.

First published on: Oct 10, 2025 07:44 PM

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