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Explainer: क्या है एनिमल ओवरपास कॉरिडोर? दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बनकर है तैयार

Animal Overpass Corridor On Delhi-Mumbai Expressway: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में रणथंभौर नेशनल पार्क के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर एनिमल ओवरपास कॉरीडोर बनाए गए हैं। यह प्रयोग भारत में पहली बार है। एक्सप्रेस-वे पर 12 किमी में 5 ओवरपास कॉरीडोर बनकर तैयार हैं। यह जानवरों को कैसे फायदा पहुंचाएगा? आइए विस्तार से समझते हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 26, 2025 20:56
फाइल फोटो।

Animal Overpass Corridor On Delhi-Mumbai Expressway: भारत में तेजी से सड़क नेटवर्क का विस्तार हो रहा है। अब सरकार एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से कर रही है। सड़क विस्तार में पेड़-पौधों और जंगलों को हमेशा नुकसान होता था। इसके उपाय के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कई विकल्प निकालना शुरू कर दिया। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पास 12 किलोमीटर का वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया। इससे जंगल को नुकसान हुए बिना आधुनिक एक्सप्रेस-वे भी बन गया। वहीं जानवरों का जीवन भी पहले जैसा रहा। अब ऐसा ही नया प्रयोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर हुआ है। एनएचएआई ने राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित पास रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य के पास एनिमल ओवरपास कॉरीडोर बनाए हैं।

कैसे काम करेगा एनिमल ओवरपास कॉरिडोर

एनिमल ओवरपास कॉरिडोर को वन्यजीव पुल या वन्यजीव क्रॉसिंग भी कहते हैं। यह एक ऐसी संरचना है जिससे जानवर सड़क या कृत्रिम बाधाओं को सुरक्षित रूप से पार कर सकते हैं। जानवर अपने प्राकृतिक आवासों से अलग होने से बचते हैं और मनुष्यों और जानवरों के बीच टकराव को कम करते हैं। ओवरपास के ऊपर मिट्टी डालकर पेड़ लगाए गए हैं, इससे जानवरों को जंगल जैसा पर्यावरण मिलेगा।

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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 5 कॉरिडोर

NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप अत्री ने बताया कि 5 एनिमल ओवरपास कॉरिडोर को 12 किमी में बनाया गया है। हर ओवरपास कॉरीडोर की लंबाई 500 मीटर है। यह हिस्सा पूरे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सों में से एक था।

बफर जोन में बने हैं ओवरपास कॉरिडोर

प्रदीप अत्री ने बताया कि 12 किमी का यह हिस्सा रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य के बफर जोन में आता है। बफर जोन अत्यधिक वनस्पतियों और जीवों का घर होता है। इसलिए यहां एक्सप्रेस-वे के निर्माण और उसके बाद यातायात संचालन के समय जानवरों का प्राकृतिक आवास राजमार्ग के साथ अस्तित्व में रह सके, इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान और पर्यावरण और वन मंत्रालय से सहयोग लिया गया।

मानसून के बाद ढक जाएगा ओवरपास कॉरिडोर

क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि सभी 5 ओवरपास कॉरीडोर बनकर तैयार हैं। इनपर इसी मौसम के अनुकूल पेड़-पौधे लगाए गए हैं। उम्मीद है मानसून के बाद तक यह ओवरपास कॉरिडोर पर हरियाली आ जाएगी और जमीन हिस्सा पूरी तरह ढक जाएगा। जानवरों को पास करने में कोई समस्या नहीं होगी। जानवर बिना डिस्टर्ब हुए फ्री मूवमेंट कर पाएंगे।

First published on: Jun 26, 2025 08:56 PM

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