Elon Musk’s Starlink Receives License: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की स्टारलिंक सेवा को भारत में इंटरनेट सेवा देने के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके लिए हाल ही में केंद्र सरकार ने स्टारलिंक को तीन जरूरी लाइसेंस प्रदान किए हैं। इन लाइसेंस को मंजूरी मिलने से अब स्टारलिंक देश के कोने-कोने में, खासतौर पर दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में तेज और भरोसेमंद इंटरनेट सेवा देगी।
क्या है स्टारलिंक और सैटेलाइट इंटरनेट?
स्टारलिंक एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा दी जा रही एक सेवा है, जो लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स के जरिए पृथ्वी पर इंटरनेट पहुंचाने का काम करती है, वो भी बिना टॉवर के। भारत में भी स्टारलिंक इस सेवा की शुरुआत करने वाला है। हालांकि, इसके लिए कंपनी को भारत सरकार के साइबर नियमों, डेटा प्राइवेसी और दूरसंचार के नियमों का पालन करना होगा।
कौन से 3 लाइसेंस मिलेंगे?
दरअसल, स्टारलिंक को जून 2025 तक भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए जरूरी सरकारी लाइसेंस आधिकारिक तौर पर मिल गया है। इसमें कंपनी को विशेष रूप से 3 लाइसेंस मिले हैं। ये तीन लाइसेंस हैं- ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस, कमर्शियल वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल (VSAT) और इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) सेवाओं के लिए लाइसेंस।
इन लाइसेंसों के बारे में समझें
1.GMPCS- जीएमपीसीएस यानी ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्यूनिकेशन। इस सरकारी लाइसेंस की मदद से भारत में बिना तारों और टॉवरों के मोबाइल फोन पर इंटरनेट सर्विस मिलेगी। यह लाइसेंस इसलिए जरूरी है ताकि मोबाइल पर मिलने वाला इंटरनेट सिक्योर रहे और कंपनी निगरानी कर सके।
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2.VSAT- इस लाइसेंस की मदद से लोगों को घरों या छोटे दफ्तरों में छोटे डिश एंटीना से इंटरनेट प्रोवाइड होता है। इस लाइसेंस से स्टारलिंक लोगों के घर या ऑफिस में सैटेलाइट डिश इंटरनेट कनेक्शन देगी। इस लाइसेंस की मदद से आपातकालिन स्थितियों में इंटरनेट सेवा प्रदान करने में काफी मदद मिल सकती है।
3.ISP- आईएसपी लाइसेंस की मदद से देश में उन बड़े संस्थानों को इंटरनेट मिलता है जहां एक साथ काफी लोग काम करते हैं। इनमें बड़ी टेलीकॉम कंपनी, ब्रॉडबैंड कंपनी और कॉर्पोरेट ऑफिस में इंटरनेट पहुंचता है। स्टारलिंक से इन संस्थाओं को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
स्टारलिंक इंटरनेट सेवा से देश को क्या लाभ होगा?
- सैटेलाइट इंटरनेट की मदद से देश के हर क्षेत्र, ग्रामीण इलाकों, पहाड़ी इलाकों और दूर-दराज के सभी जगहों पर लोगों को मिल इंटरनेट सकेगा क्योंकि यह एक वायरलेस राउटर होता है।
- स्टारलिंक से देश की सरकारी दफ्तरों, शिक्षा संस्थानों, स्वास्थ्य और आपदा के समय इंटरनेट सर्विस मिल सकेगी।
- छोटे हों या बड़े हर वर्ग के व्यापारी को इंटरनेट मिलेगा।
- सेना को भी वायरलेस इंटरनेट सेवा का लाभ होगा।
- इस इंटरनेट सर्विस से गांव और दूर-दराज में बसे लोगों को डॉक्टर से कंसल्ट करने के लिए बार-बार शहर आने की जरूरत नहीं होगी। वह वीडियो कॉल से परामर्श ले सकेंगे।
- इससे ग्रामीण इलाकों में बीपीओ, स्टार्टअप और डिजिटल केंद्र खुल सकते हैं।
- भारत को ग्लोबल सैटेलाइट नेटवर्क से जोड़ने में भी स्टारलिंक की मदद ली जा सकेगी।
क्या कुछ परेशानियां भी स्टारलिंक को होगी?
हालांकि, इंटरनेट सेवा के लिए स्टारलिंक को अनुमति दे दी गई है लेकिन अब भी कई जरूरी बातों के बारे में फैसले होने बाकी है। जैसे कि स्पेक्ट्रम का आवंटन होना। स्पेक्ट्रम देने से पहले भारत सरकार को यह तय करना होगा कि कौन-सा स्पेक्ट्रम किस दाम पर मिलेगा और इसके लिए कंपनी को कौन-कौन सी शर्तें माननी होंगी। TRAI की भी इसमें अहम भूमिका होती है।
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