Unique Voter Card: चीफ इलेक्शन कमीशन ने नए पहचान पत्र को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं। दरअसल चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को कहा कि वह काफी लंबे समय से पुराने पहचान पत्र चला रहें है। हाल ही में आ रही नंबरों की समस्या को आगामी तीन महीने में हल कर लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि भारत का चुनावी खाता दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता डेटाबेस है, जिसमें तकरीबन 99 करोड़ से अधिक मतदाता रजिस्टर्ड हैं।
यूनिक वोटर कार्ड क्या?
यह वो कार्ड होंगे, जिनसे वोटर्स अपने वोट का इस्तेमाल कर पाएंगे। यूनिक वोटर कार्ड की सबसे खास बात यह होगी कि इसमें एक यूनिक एपिक नंबर होगा। अगर मतदाता किसी भी परिस्थिति में किसी दूसरे राज्य में शिफ्ट होता है, तो इस एपिक नंबर के जरिए उसे दूसरी जगह मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा। वहीं, इसका दूसरा फायदा यह होगा कि पहले वह जहां का वोटर था वहां से उसे खुद ही हटा दिया जाएगा। पहले यह समस्या रहती थी कि मतदाता दूसरी जगह पर जाने के बाद अपना नाम मतदाता लिस्ट से हटाए बिना नई जगह ऐड करा लेते थे।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आयोग पर लगे थे आरोप
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र, हरियाणा के बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। हालांकि, गलत शिकायतें पाई जाने पर चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इसी के साथ आयोग ने यूनिक एपिक नंबर्स (Epic Numbers) को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी है।
इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में मुद्दे को जोरों शोरों से उठाया। आयोग ने इस पर स्पष्ट करते हुए कहा था कि एक जैसे नंबर होने का यह मतलब नहीं है कि वह फर्जी वोटर हैं। आयोग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यूनिक एपिक नंबर से यह समस्या जल्द खत्म हो जाएगी।
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