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फॉर्म-17C से क्या होंगे नुकसान? वोटिंग के बीच क्यों उठ रही इसे सार्वजनिक करने की मांग

Supreme Court Form 17C Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट में फॉर्म 17सी को लेकर दर्ज याचिका पर सुनवाई हुई। चुनाव आयोग ने भी अपना पक्ष रखा और फॉर्म सार्वजनिक करने के नुकसार सुप्रीम कोर्ट को बताए। आइए जानते हैं कि आखिर क्या मामला है और क्यों विवाद छिड़ा है?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 23, 2024 10:40
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Supreme Court 17C Form Controversy
Supreme Court 17C Form Controversy

Election Commission Form 17C Controversy: लोकसभा चुनाव 2024 के तहत 5 फेज की वोटिंग हो चुकी है। इस बीच फॉर्म-17सी को सार्वजनिक करने की मांग उठी है। NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की कि चुनाव आयोग पोलिंग बूथ वाइज वोट प्रतिशत का डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करके सावर्जनिक करे। याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग वोटिंग रिकॉर्ड के फॉर्म 17सी डेटा समेत खुलासा करे। याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने की।

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ECI वकील ने पीठ को बताए नुकसान

चुनाव आयोग के वकील अमित शर्मा हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग की ओर से हलफनामा दायर किया। पीठ ने वकील अमित शर्मा से फॉर्म सार्वजनिक करने को लेकर सवाल पूछा तो उनहोंने जवाब दिया कि फॉर्म सार्वजनिक करने में दिक्कत नहीं है, लेकिन इसे सार्वजनिक करने के नुकसान भी हैं। अभी यह फॉर्म सिर्फ पोलिंग बूथ के एजेंटों को उपलब्ध कराया जाता है। अगर इसे वेबसाइट पर अपलोड किया गया तो मतगणना प्रभावित हो सकती है। वोटरों में भ्रम पैदा हो सकता है। आंकड़ों से छेड़छाड़ होने की संभावना है। अब सुप्रीम कोर्ट कल 24 मई यानी शुक्रवार को चुनाव आयोग के हलफनामे पर सुनवाई करेगी। उम्मीद है कि कल इस मामले में फैसला आ सकता है।

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फॉर्म 17सी आखिर क्या है?

चुनाव नियम 1961 के तहत वोटिंग से जुड़े 2 फॉर्म भरे जाते हैं। एक फॉर्म-17A और दूसरा फॉर्म-17C होता है। इनमें इलेक्टर्सट और वोटर्स का डाटा होता है। 17A फॉर्म में पोलिंग बूथ पर वोट डालने आने वाले वोटर की जानकारी होती है और उसके सिग्नेचर भी होते हैं। 17C में पोलिंग बूथ पर डलने वाले वोटों का डाटा होता है, जो वोटिंग खत्म होने के बाद पोलिंग बूथ एजेंटों को दे दिया जाता है।

चुनाव नियम 161 के तहत, प्री-साइडिंग ऑफिसर फॉर्म 17C भरता है। इसे एक लिफाफे में बंद करके संभाल लिया जाता है। फॉर्म-17C में भी 2 हिस्से होते हैं। एक हिस्से में पोलिंग बूथ का लेखा-जोखा होता है। दूसरे हिस्से में वोटों का लेखा-जोखा होता है। एक हिस्सा वोटिंग के दिन भरा जाता है, जिसमें पोलिंग बूथ का नाम, नंबर, EVM का नंबर, वोटरों की संख्या आदि होती है। दूसरा हिस्सा वोटिंग के बाद भरा जाता है, जिसमें यह जानकारी होती है कि कितने लोगों ने वोट डाले? कितने वोट डले और मतदान प्रतिशत कितना हुआ?

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: May 23, 2024 10:25 AM

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