World Hindi Conference: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के प्रयास जारी हैं और इस दिशा में प्रगति हुई है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा।
एस जयशंकर ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में ये बातें कही। कार्यक्रम में ये घोषणा की गई कि अगला विश्व हिंदी सम्मेलन अगले साल 15-17 फरवरी तक नाडी, फिजी में आयोजित किया जाएगा।
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संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषाओं में शामिल करने के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर, एस जयशंकर ने कहा, “आपको पता होगा कि यूनेस्को में हिंदी का उपयोग किया जा रहा है। जहां तक इसके मुख्यालय में हिंदी के उपयोग का सवाल है, हमारा उनके साथ एक समझौता ज्ञापन है।
एस जयशंकर ने कहा कि यूनेस्को सोशल मीडिया और न्यूज़लेटर्स में हिंदी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे विस्तारित करने में कुछ समय लगेगा, यह इतना आसान नहीं है कि यूएन प्रक्रिया में एक भाषा पेश की जाए।” उन्होंने कहा, “इस पर काम किया जा रहा है, प्रगति हुई है और हमें उम्मीद है कि यह आगे बढ़ेगा।”
ये हैं संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएं
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं। इनमें अंग्रेजी, रूसी, स्पेनिश, चीनी, अरबी और फ्रेंच शामिल है। कार्यक्रम में शामिल विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, “12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन अगले साल 15-17 फरवरी से नाडी, फिजी में किया जाएगा। यह फीजी सरकार के विदेश मंत्रालय और भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में विश्व हिंदी सम्मेलन और वेबसाइट के लोगो का भी अनावरण किया गया।
जानकारी दी गई कि लोगो को एक प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया है। इसमें 1,436 एंट्री हुई थीं, जिसमें से 78 को शॉर्टलिस्ट किया गया और मुंबई के मुन्ना कुशवाहा की एंट्री को आखिरकार चुना गया। विजेता को ₹75,000 का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
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इससे पहले, एस जयशंकर ने 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए गठित सलाहकार समिति और उप-समितियों की पहली बैठक में भाग लिया। एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के आयोजन के लिए गठित सलाहकार समिति और उप-समितियों की पहली बैठक में भाग लिया। मोदी सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के प्रचार के लिए उल्लेखनीय प्रयास कर रही है।”
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