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Earthquake: बार-बार क्यों आते हैं भूकंप के झटके, जानें इसकी वजह

Earthquake: दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहें हैं। शनिवार को एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार था जब यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। वैज्ञानिक इसे खतरे की घंटे बताते हैं। बार-बार भूकंप बड़ी अनहोनी के आने का इशारा देता है। Tremors felt […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Nov 12, 2022 22:05
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भूकंप की प्रतीकात्मक फोटो
भूकंप की प्रतीकात्मक फोटो

Earthquake: दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी और उत्तराखंड के कई जिलों में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहें हैं। शनिवार को एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार था जब यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। वैज्ञानिक इसे खतरे की घंटे बताते हैं। बार-बार भूकंप बड़ी अनहोनी के आने का इशारा देता है।

 

7 प्लेटलेट्स पर टिकी पृथ्वी

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटलेट्स हैं। यह प्लेटलेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह पर प्लेटलेट्स टकराते है उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। इस टकराव की वजह से इन प्लेटलेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं। इसके अलावा अधिक दबाव के कारण यह प्लेटलेट्स टूटने भी लग जाती हैं। प्लेटलेट्स टूटने के काण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलने लगती है। इस कारण से पैदा होने वाली तनाव से ही भूकंप आता है।

72 प्रतिशत में भूकंप से पहले हल्के झटके 

यूएस के लॉस अलामॉस नेशनल लेबोरेट्री की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केलिफॉर्निया में 4.0 तीव्रता के झटकों से पहले इसी तरह के कुछ हल्के झटके महसूस किए गए थे। साउथ केलिफॉर्निया में 2008 और 2017 में 4.0 तीव्रता से अधिक के झटके महसूस किए गए। इनमें से 72 प्रतिशत बार इन भूकंप से पहले हल्के झटके महसूस किए गए थे।

पांच जोन में बांटा गया है

भारत को पांच भूकंपीय जोनों में बांटा गया है। सबसे ज्यादा खतरनाक जोन पांच है। इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।

इन जोन में कम खतरा

जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-1 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।

एक हफ्ते में दूसरी बार

दिल्ली-एनसीआर में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। एक हफ्ते में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। जैसे ही लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए वह घरों व ऑफिसों से बाहर निकलने लगे। करीब 30 से 40 सेकंड तक यह भूकंप के झटके महसूस किए गए। कमरों में पंखे हिलने लगे और गिलास में रखा पानी हिल रहा था। यूपी-उत्तराखंड के कई जिलों में यह झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र नेपाल का शिलांग बताया गया है।

जानलेवा साबित हो रहे भूकंप

इससे पहले उत्तराखंड में बुधवार सुबह करीब 6.27 बजे पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी। उधर, मंगलवार रात दिल्ली एनसीआऱ समेत नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेपाल में भूकंप के झटकों के बाद एक बिल्डिंग गिर गई जिसके मलबे में दबकर छह लोगों की मौत हो गई थी।

 

First published on: Nov 12, 2022 08:46 PM
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