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Earthquake: दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके: तीव्रता रही 6.6; पड़ोसी मुल्कों की भी कांपी धरती

Earthquake: दिल्ली, नोएडा और आसपास के शहरों में मंगलवार रात करीब सवा 10 बजे आधा मिनट तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लोग खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन झटकों के कारण लोग घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल लोग दहशत में हैं। भूकंप के चलते दिल्ली के शकरपुर […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Mar 22, 2023 00:05
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भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए।

Earthquake: दिल्ली, नोएडा और आसपास के शहरों में मंगलवार रात करीब सवा 10 बजे आधा मिनट तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लोग खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन झटकों के कारण लोग घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल लोग दहशत में हैं। भूकंप के चलते दिल्ली के शकरपुर में मेट्रो पिलर नम्बर 51 के पास एक इमारत झुक गई है। राहत-बचाव टीम को सूचना दी गई है। इसके अलावा पाकिस्तान में भी घरों को नुकसान पहुंचा है।

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पड़ोसी देशों में भी महसूस हुए झटके

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई है। भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद और अन्य शहरों में लोगों ने झटके महसूस किए। इसके अलावा पड़ोसी देश पाकिस्तान, तजाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल में भी महसूस किए गए।

45 सेकेंड तक महसूस किए गए झटके

भूकंप का पहला झटका रात 10 बजकर 17 मिनट पर महसूस किया गया। इसके बाद करीब 45 सेकेंड तक झटके आते रहे। अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन भूकंप ने कई लोगों को झकझोर कर रख दिया है और आफ्टरशॉक्स की संभावना के बारे में चिंतित हैं।

अफगानिस्तान का फैजाबाद था केंद्र

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.6 रही है। अफगानिस्तान के फैजाबाद में भूकंप का केंद्र था।

24 दिन में छठी बार डोली अफगानिस्तान की धरती

अफगानिस्तान में इससे पहले 18 मार्च की सुबह भूकंप आया था। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई थी। उस वक्त भी अफगानिस्तान से 213 किमी पूर्व फैजाबाद ही सेंटर था, जो सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर आया था। बता दें कि अफगानिस्तान में बीते करीब 24 दिनों में यह छठी बार है, जब अफगानिस्तान की धरती डोली है।

क्यों आता है भूकंप?

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, पृथ्वी के अंदर 7 प्लेटलेट्स हैं। यह प्लेटलेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जिस जगह पर प्लेटलेट्स टकराते है उसे फॉल्ट लाइन कहा जाता है। इस टकराव की वजह से इन प्लेटलेट्स के कोने मुड़ने लगते हैं। इसके अलावा अधिक दबाव के कारण यह प्लेटलेट्स टूटने भी लग जाती हैं। प्लेटलेट्स टूटने के काण पैदा हुई ऊर्जा बाहर निकलने लगती है। इस कारण से पैदा होने वाली तनाव से ही भूकंप आता है।

भारत में है पांच भूकंप जोन

भारत को पांच भूकंपीय जोनों में बांटा गया है। सबसे ज्यादा खतरनाक जोन पांच है। इस क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।

भारत के इन जोन में कम खतरा

जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं। जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-1 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।

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Written By

Bhola Sharma

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Mar 21, 2023 10:50 PM

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