Earthquake of Indian Ocean: हिंद महासागर में गुरुवार देर शाम आए भूकंप को गहराई के हिसाब से राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने अतिसंवेदनशील की कैटागिरी में शामिल किया है. एनसीएस) के अनुसार, रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है. उथली गहराई पर आने वाले भूकंप आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील माने जाते हैं. NCS ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि इससे पहले दिन में 10 किलोमीटर की गहराई पर 6.4 तीव्रता का एक और भूकंप आया था. उथले भूकंप आमतौर पर गहरे भूकंपों से ज्यादा खतरनाक होते हैं, पहले भी ऐसे की भूकंप के कारण लाखों लोग जान गंवा चुके हैं.
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EQ of M: 6.4, On: 27/11/2025 10:26:25 IST, Lat: 2.99 N, Long: 96.23 E, Depth: 10 Km, Location: Indian Ocean.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 27, 2025
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उथले भूकंप गहरे से ज्यादा खतरनाक क्यों?
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र का कहना है कि कम गहराई पर आए भूकंप ज्यादा गहराई पर आए भूकंपों से ज्यादा खतरनाक होते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि कम गहराई वाले उथले भूकंपों से उत्पन्न भूकंपीय तरंगों की सतह तक यात्रा करने की दूरी कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप ज़मीन में तेज़ कंपन होता है और अधिक नुकसान और जान माल की ज्यादा हानि होती है.
क्या हुआ था 26 दिसंबर 2024 को
26 दिसंबर 2024 को सुबह करीब 8 बजे इतिहास का सबसे घातक 9.2-9.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र इंडोनेशिया के उत्तरी सुमात्रा में आचे के पश्चिमी तट पर था. समुद्र के नीचे आए इस भूकंप को वैज्ञानिक कम्यूनिटी सुमात्रा-अंडमान भूकंप के नाम से जानती है, बर्मा प्लेट और भारतीय प्लेट के बीच दरार से आए इस भूकंप के कारण 30 मीटर (100 फीट) ऊंची लहरों वाली विशाल सुनामी आई, जिसे बॉक्सिंग डे की छुट्टी के बाद बॉक्सिंग डे सुनामी या एशियाई सुनामी के नाम से जाना जाता है, जिसने हिंद महासागर के आसपास के तटों पर बसे समुदायों को तबाह कर दिया और 14 देशों, विशेष रूप से आचे (इंडोनेशिया), श्रीलंका, तमिलनाडु (भारत) और खाओ लाक (थाईलैंड) में अनुमानित 227,898 लोगों की जान ले ली.
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