नई दिल्ली: देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व मंगलवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। राजधानी दिल्ली के द्वारका में पुतला दहन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को भगवान श्री राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सिर्फ रावण का नहीं, आज हर उस बुराई का दहन होना चाहिए, जिसकी वजह से समाज का आपसी सौहार्द्र बिगड़ता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने यहां राम-सीता और लक्ष्मण की आरती की और हनुमान स्वरूप की भी पूजा की।
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द्वारका सेक्टर 10 स्थित श्री रामलीला सोसायटी के 11वें आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका के सेक्टर 10 स्थित रामलीला मैदान में श्री रामलीला सोसायटी की तरफ से आयोजित 11वीं रामलीला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। यहां पुतला दहन से पहले प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये पर्व हमारे लिए संकल्प को दोहराने का मौका है। ये आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है। ये अहंकार पर विजय का पर्व है। यह अत्याचारी रावण पर भगवान राम की विजय का पर्व है। हम विजयादशमी का जश्न मना रहे हैं, जब हमने चंद्रमा की जीत के दो महीने पूरे कर लिए हैं’।
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इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयादशमी पर शस्त्र पूजा किए जाने की वजह के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हम रक्षा के लिए शस्त्र पूजा करते हैं, आक्रमण के लिए नहीं। हमारी शक्ति पूजा पूरे विश्व की समृद्धि के लिए है। हम भगवान राम की मर्यादा को जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। हम गीता का ज्ञान जानते हैं और यह भी जानते हैं कि आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण कैसे किया गया। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि सदियों का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण हमारी जीत जैसा है। भगवान राम आने ही वाले हैं।
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#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says “I want to extend my best wishes to the people of the country on the occasion of Navratri and Vijayadashami…” pic.twitter.com/YeayHRwTvr
— ANI (@ANI) October 24, 2023
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द्वारका के रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता, दुनिया में तीसरी सबसे अर्थव्यवस्था बनने के मास्टर प्लान, नए संसद भवन के निर्माण और देश की संसद के साथ-साथ तमाम विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए बनाए ‘नारी शक्ति अभिनंदन’ कानून का भी जिक्र किया। इसी के साथ उन्होंने हर देशवासी को अपने अंदर की बुराई को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विजयादशमी भगवान राम की वापसी के समान है। भगवान राम आने वाले हैं। भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है, ऐसे समय में भारत को सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है। साथ ही रावण के रूप में बस एक पुतले का दहन ना करें, बल्कि हर उस बुराई को जड़ से खत्म करने की कोशिश करें, जिसकी वजह से समाज का आपसी सौहार्द्र बिगड़ता है। उन्होंने हर नागरिक को 10 नए संकल्प लेने की अपील की।
रावण के खानदान के अलावा एक और पुतला भी था रामलीला मैदान में
इसके बाद उन्होंने तीर मारकर पुतलादहन की औपचारिकता का निर्वहन किया। खास बात यह रही कि लगभग हर जगह रामलीला मैदान में तीन ही पुतलों का दहन किया जाता है, लेकिन द्वारका के सेक्टर 10 स्थित रामलीला मैदान में श्री रामलीला सोसायटी की तरफ से आयोजित 11वीं रामलीला के समापन के अवसर पर रावण के खानदान यानि रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के अलावा एक चौथा पुतला भी था, जिसे आग के हवाले कर दिया गया।