मल्टीलयर एयर डिफेंस सिस्टम के मामले में भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। DRDO ने 23 अगस्त को IADWS की पहली उड़ान का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण दिन में करीब 12:30 बजे ओडिशा के तट पर किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर DRDO को बधाई दी है और कहा है कि इस परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय वायु-रक्षा क्षमता को स्थापित किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा गया कि मैं IADWS के सफल विकास के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूं। इस अद्वितीय उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय वायु-रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध क्षेत्रीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
क्या है IADWS?
IADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है। इसमें कई स्वदेशी मिसाइलें और एक शक्तिशाली लेजर हथियार शामिल हैं। यह प्रणाली दुश्मन के हवाई हमलों से देश की रक्षा करने में सक्षम है। IADWS में क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइलें और डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) शामिल हैं। DEW एक ऐसा हथियार है जो लेजर जैसी ऊर्जा का उपयोग करता है। यह हवा में दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
क्यों खास है DRDO का यह परीक्षण?
रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, परीक्षण के दौरान तीन अलग-अलग टारगेट सेट किए गए थे, जिनमें दो उच्च गति वाले मानवरहित हवाई वाहन और एक बहु-हेलीकॉप्टर ड्रोन शामिल थे। इन्हें क्यूआरएसएएम, वीएसएचओआरएडीएस और उच्च-ऊर्जा लेजर हथियार प्रणाली द्वारा अलग-अलग दूरी और ऊंचाई पर मार गिराया गया।
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अप्रैल में ही भारत ने स्थानीय स्तर पर बने एक लेजर हथियार का परीक्षण किया और लंबी दूरी के फिक्स्ड विंग ड्रोन, स्वार्म ड्रोन और निगरानी उपकरणों को नष्ट किया था। भारत ऐसी तकनीक रखने वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। इस तकनीक में महारत हासिल करने वाले कुछ देशों में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इजराइल शामिल हैं।