Doomsday Clock At 90 Seconds To Midnight scientists warning: क्या आपने डूम्सडे क्लॉक के बारे में सुना है। आखिर क्या है यह जो कयामत की घड़ी के बारे में बताती है। कयामत के दिन के बारे में तो आपने बहुत बार सुना होगा लेकिन आज हम आपको इससे जुड़े डूम्सडे क्लॉक के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि जब डूम्सडे क्लॉक में रात के 12 बजेंगे तो वह रात कयामत की रात होगी और पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी। इस घड़ी को वैज्ञानिकों ने फिर से सेट कर दिया है। इसका समय एकबार फिर से महाविनाश के करीब पहुंच रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस घड़ी में आधी रात से 90 सेकेंड पहले का समय दर्ज किया गया है। वैज्ञानिक बार बार प्रलय को लेकर चेतावनी दे रहे हैं। द बुलेटिन ग्रुप ऑफ एटॉमिक साइंस ने डूम्सडे क्लॉक यानी प्रलय घड़ी की सुई को आधी रात के 90 सेकेंड और करीब कर दिया है। बता दें कि इसकी सुई को दुनिया में मौजूदा खतरों को देखते हुए सेट किया जाता है।
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परमाणु खतरे की ज्यादा है आशंका
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पिछले साल यानी 2023 में भी इसे एडजस्ट किया गया था क्योंकि तब परमाणु खतरे की आशंका जताई जा रही थी। घड़ी का समय 75 साल से ज्यादा के इतिहास में आधी रात के सबसे करीब है। घड़ी को 1947 में आधी रात में सात मिनट पर सेट किया गया था। 1991 में जब शीत युद्ध खत्म हो गया उसके बाद आधी रात से अब तक की सबसे अधिक दूरी 17 मिनट है।
किन खतरों का सामना कर रही दुनिया
दुनिया इस समय कई खतरों का सामना कर रही है। जहां एक तरफ जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान की वजह से धरती को खतरा है तो वहीं प्राकृतिक आपदाएं भी आए दिन कहर बरपा रही हैं। कहीं बाढ़ तो कहीं भूस्खलन तो कहीं भूकंप तबाही मचा रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया में तबाही के संकेत मिल रहे हैं। रूस यूक्रेन युद्ध और इजराइल हमास युद्ध ने खतरे को और बढ़ा दिया है।
वहीं कोरियाई प्रायद्वीप में भी तनाव चरम पर है। परमाणु शक्ति संपन्न देश अपने हथियारों में और इजाफा कर रहे हैं। दुनिया में महामारी का भी खतरा लगातार बना हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुए भी दो साल होने को हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग की भी आशंका है।
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