नई दिल्ली/रांची: झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू और उनके करीबियों के ठिकानों पर पिछले चार दिन से चल रही इनकम टैक्स डिपोर्टमेंट की रेड को लेकर कांग्रेस उनसे दूरी बनाती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा इस मुद्दे पर पार्टी पर अपना हमला तेज करने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केवल सांसद ही बता सकते हैं और उन्हें यह बताना चाहिए कि आयकर अधिकारियों ने उनकी संपत्तियों से कथित तौर पर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कैसे बरामद की है। उधर, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने टिप्पणी की है, ‘यह मोदी की गारंटी है कि हर पैसा जनता को वापस करना होगा’।
सांसद धीरज साहू के बिज़नेस से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। सिर्फ़ वही बता सकते हैं, और उन्हें यह स्पष्ट करना भी चाहिए, कि कैसे आयकर अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर उनके ठिकानों से इतनी बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया जा रहा है।
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 9, 2023
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9 दिसंबर को शुरू हुई थी रेड
बता देना जरूरी है कि 9 दिसंबर को आयकर विभाग की 40 सदस्यीय टीम ने धीरज साहू के ठिकानों पर छापा मारा था। एक जगह तो अलमारी में नोटों की गड्डियां भरी मिली तो इसके बाद से ओडिशा के बोलांगीर और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में भी रेड मारी। पिछले चार दिन से धीरज साहू और उनके करीबियों के ठिकानों पर छानबीन का क्रम जारी है और इस बीच अब तक 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश मिल चुका है, जिसमें अलमारियों के रैक में रखी नकदी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह किसी भी एजेंसी द्वारा एक ही ऑपरेशन में अब तक की सबसे बड़ी काले धन बरामदगी होगी।
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क्या कहते हैं अधिकारी?
रेड के बारे में एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि बैंक भी खुला होने के कारण मतगणना कार्य में पूरा स्टाफ नहीं लगाया गया। प्रबंधक भगत बेहरा ने एएनआई को बताया कि उम्मीद है कि अधिक नोट गिनने वाली मशीनों और कर्मियों की तैनाती के साथ रविवार तक गिनती पूरी हो सकती है। अब इसको लेकर कांग्रेस सांसद विरोधियों, खासकर भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने ने राहुल गांधी के साथ धीरज साहू की फोटो शेयर करते हुए पार्टी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने को कहा।
भाजपा ने सवाल पूछा तो क्या बोले कांग्रेस महासचिव?
इसके बाद इस रेड को लेकर कांग्रेस उनसे दूरी बनाती नजर आई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केवल सांसद ही बता सकते हैं और उन्हें यह बताना चाहिए कि आयकर अधिकारियों ने उनकी संपत्तियों से कथित तौर पर इतनी बड़ी मात्रा में नकदी कैसे बरामद की है।