DHFL Scam: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से जुड़े पांच मुख्य अधिकारियों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए उन्हें अगले 5 सालों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। यह निर्णय DHFL द्वारा किए गए वित्तीय घोटाले की जांच के बाद लिया गया है, जिसमें वधावन ब्रदर्स समेत हर्षिल मेहता पर हजारों करोड़ रुपये की अनियमितताएं पाई गई थीं।
प्रतिबंध की क्या वजह है?
इस कार्रवाई में सबसे पहले कपिल वधावन का नाम है, जो DHFL के पूर्व चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे। उन पर फर्जी कंपनियों को लोन देकर फंड डायवर्ट करने और निवेशकों को गुमराह करने का आरोप है। धीरज वधावन, कपिल के भाई और सह-प्रवर्तक, इस पूरे वित्तीय तंत्र में उनके भागीदार रहे हैं।
राकेश वधावन और सारंग वधावन, डीएचएफएल प्रमोटर परिवार के सदस्य हैं, जिन्होंने कथित तौर पर इस गड़बड़ी में साथ दिया है। पांचवें व्यक्ति हर्षिल मेहता डीएचएफएल (DHFL) के पूर्व सीईओ रह चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान ही बड़ी संख्या में फर्जी लोन आवंटित किए गए, जिनका बाद में कोई भुगतान नहीं हुआ।
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कौन हैं ये 5 लोग?
कपिल वधावन- कपिल DHFL के प्रमोटर और पूर्व में सीएमडी के पद पर रह चुके हैं। उन पर फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कपिल पर बैंक धोखाधड़ी और फंड गबन का भी आरोप है। SEBI द्वारा कपिल पर साल 2020 के सितंबर में प्रतिबंध लगाए गए थे। उनपर सीबीआई के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि कपिल और उनके भाई धीरज वधावन पर 27-27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
धीरज वधावन- कपिल वधावन के भाई और DHFL के सह-प्रमोटर थे। उन पर भी कपिल के साथ फर्जी लोन और बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज है। उन पर भी सेबी ने सितंबर 2020 में प्रतिबंध लगा दिए थे। इन पर भी 27 करोड़ रुपये का जुर्माना है।
राकेश वधावन- राकेश भी वधावन परिवार के सदस्य है और DHFL कंपनी के प्रमोटर है। उन्हें भी साल 2020 में प्रतिबंधित किया था। फिलहाल, इन पर न्यायिक प्रक्रिया चालू है। इन पर 20.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा हुआ है।
सारंग वधावन- DHFL प्रमोटर और वधावन परिवार के वरिष्ठ सदस्य सारंग वधावन भी इस पूरे मामले में शामिल थे और इन पर मौन रूप से समर्थन करने का भी आरोप लगाया गया है। इन्हें भी 20.75 करोड़ रुपये का जुर्माने का भुगतान करना है।
हर्षिल मेहता- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व सीईओ थे। बताया जाता है कि उनके कार्यकाल के समय ही बड़ी संख्या में बोगस लोन यानी फर्जी लोन अलोट किए गए थे। इन्होंने अपने पद से साल 2019 में ही रिजाइन कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर्षिल ने 31,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इन पर 11.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
संतोष शर्मा- संतोष शर्मा पर 3 साल का प्रतिबंध लगाया गया है और इन पर 12.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। संतोष दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के CFO रह चुके हैं। इन पर भी debt मैनेजमेंट को लेकर चूक पाई गई थी।
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