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फ्लाइटों में आ रही खराबी पर डीजीसीए महानिदेशक बोले- विमान प्रणाली मजबूत, यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं

नई दिल्ली: देश में लगातार फ्लाइटों की इमरजेंसी लैंडिंग पर गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के महानिदेशक अरुण कुमार ने राहत भरा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीज में उन्होंने कहा कि देश की विमान प्रणाली काफी मजबूत है। Component failures in aircrafts do not imply compromising passenger safety, says DGCA chief---विज्ञापन--- […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jul 28, 2022 15:23
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नई दिल्ली: देश में लगातार फ्लाइटों की इमरजेंसी लैंडिंग पर गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के महानिदेशक अरुण कुमार ने राहत भरा बयान दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीज में उन्होंने कहा कि देश की विमान प्रणाली काफी मजबूत है।

 

आगे डीजीसीए महानिदेशक ने कहा कि घरेलू एयरलाइंस में कुछ मामूली विफलताओं का मतलब यह नहीं है कि यह यात्रियों की सुरक्षा से समझौता कर रहीं हैं।

पायलटों पर गर्व 

महानिदेशक ने कहा कि “हमें अपने पायलटों पर बेहद गर्व है, जो उचित क्षमता के साथ कभी-कभार होने वाली गड़बड़ियों को दूर करते हैं,”। उन्होंने कहा इस साल कई घटनाएं सामने आईं जब विमान या तो अपने मूल स्टेशन पर वापस आ गए या खराब सुरक्षा मार्जिन के साथ गंतव्य पर उतरा।

विमान एक जटिल मशीन
आगे उन्होंने कहा कि अपेक्षित रखरखाव कार्यों के बावजूद कोई घटक विफलता की उम्मीद “अवैज्ञानिक है”। एक विमान एक जटिल मशीन है और इसमें हजारों घटक होते हैं और इसे हवाई संचालन के लिए उपयोग करना जारी रखा जा सकता है। जो उड़ान योग्यता आवश्यकताओं के अनुपालन के अधीन है,

दहशत का औचित्य नहीं

उन्होंने सवाल करते हुए कहा इस मुद्दे पर क्या इतनी दहशत फैलाने का कोई औचित्य है ? मैं स्पष्ट रूप से बता दूं कि यदि पायलट एसओपी का पालन करता है और गैर-सामान्य चेकलिस्ट
कार्रवाई करता है तो घटक-संबंधित मुद्दों में से कोई भी सुरक्षा पर कोई असर नहीं डालता है। उड्डयन एक अत्यधिक प्रक्रिया-संचालित क्षेत्र है और विश्व स्तर पर परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन है।

पर्याप्त सुरक्षा

उन्होंने कहा कि “पायलटों के लिए पर्याप्त सुरक्षा वाल्व उपलब्ध हैं जैसे मिस्ड अप्रोच, बॉल्ड लैंडिंग, रिजेक्टेड टेक ऑफ, डायवर्सन, आदि। ये एक मजबूत सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली के तत्व हैं और इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए,”।

 

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Amit Kasana

First published on: Jul 28, 2022 03:23 PM

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