Center For Science And Environment Report: इस समय देश में राजधानी दिल्ली समेत 6 बड़े शहर भीषण गर्मी से त्रस्त हैं। झुलसा देने वाली गर्मी से तपिश बढ़ती जा रही है। देश में 17 स्थानों की बात करें, तो तापमान 48 डिग्री पार कर गया है। नई दिल्ली, बिहार, हरियाणा, यूपी, एमपी समेत उत्तर और उत्तर पश्चिम में गर्मी ने बेहाल कर रखा है। अधिकतर हिस्सों में पारा 45 पार है। उमस और लू के थपेड़े लोगों को परेशान कर रहे हैं। 25 मई से शुरू हुआ नौतपा 2 जून तक रहेगा। बताया जा रहा है कि गर्मी अभी बढ़ेगी। हरियाणा के सिरसा में पारा 48.4 डिग्री तक हो चुका है। राजस्थान में अब तक लू के 3622 मरीज सामने आ चुके हैं। दक्षिण भारत में भी हाल अलग नहीं है।
It is not a good thing for China that India is so hot. Because if indian cannot survive on their own territory due to the heat, they will have the motivation to invade China where has the cooler weather.
---विज्ञापन---It’s like Mongolian had motivation to invade Song dynasty after it… pic.twitter.com/FE4ypCEOTQ
— DaiWW (@BeijingDai) May 26, 2024
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सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की ताजा रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि महानगरों में तापमान रात को नीचे नहीं आ रहा। हीटवेव, सरफेस टेंपरेचर और ह्यूमिडिटी (उमस) लेवल में बदलाव के कारण ऐसा हो रहा है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता को लेकर स्टडी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक हवा में जल वाष्प की मात्रा का माप 2001-10 के औसत की तुलना में काफी ज्यादा हो चुका है। महानगरों में इसमें 5 से लेकर 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बेंगुलरु में भी आर्द्रता लेवल पहले जैसा ही है। जिससे लू चल रही है। गर्मियों में शहरों का हीट इंडेक्स बढ़ा है। चेन्नई का एआई 37.4 रहा है। जो सबसे अधिक है। आर्द्रता 6.9 रही है।
Safeguard outdoor works from extreme heat!
Provide clean, cold drinking water, shade, frequent breaks and first aid when needed to avoid heat exhaustion!
.#BeatTheHeat pic.twitter.com/zhGKAdpeq8— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) May 20, 2024
कंक्रीट सोखता है गर्मी, ठंडी नहीं होती रातें
कोलकाता का एचआई 36.5 (आर्द्रता 6.4) और दिल्ली का एचआई 32.2 (आर्द्रता 3.3) दर्ज किया गया है। वहीं, मुंबई का एचआई 34.3 (आर्द्रता 5) और हैदराबाद का हीट इंडेक्स 29.3 (आर्द्रता 1.2) रही है। बताया जा रहा है कि बढ़ते तापमान और उमस के कारण पसीने का वाष्पीकरण न होने से अधिक तपिश महसूस हो रही है। शरीर खुद ठंडा नहीं हो रहा। यह जानलेवा साबित हो सकता है। कंक्रीट के स्ट्रक्चर दिन के दौरान गर्मी को अब्सॉर्ब कर लेते हैं, इसके कारण रात को ठंड नहीं होती। रात के समय 2001-10 के बीच तापमान 6 से 13 डिग्री गिरता था। लेकिन अब 6-11 डिग्री ही गिर रहा है।
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बताया जा रहा है कि रात को गर्मी बढ़ती रही, तो इसकी वजह से मौतों में 6 गुना इजाफा हो सकता है। इमारतों के बीच फंसा उत्सर्जन शहरों को भट्टी की तरह तपा रहा है। रात को इसी वजह से ठंड नहीं होती। सरफेस टेंपरेचर के कारण भी लगातार हीट स्ट्रेस बढ़ रहा है। वहीं, दिन और रात के बीच लैंड सरफेस टेंपरेचर में भी लगभग 9 फीसदी कमी देखी जा रही है। रात में दिल्ली का पेरी अर्बन एरिया 12 डिग्री से अधिक ठंडा होता था। वहीं, कोर एरिया साढ़े 8 फीसदी कम तापमान दिखाता था। अब सिर्फ दोनों में अंतर 3.8 डिग्री का बचा है।
Don’t ignore the warning signs! Learn to recognize the symptoms of heat-related illnesses to stay safe this summer.
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.#BeatTheHeat pic.twitter.com/EzzrDAFC5N— All India Radio News (@airnewsalerts) May 28, 2024
शहरीकरण के कारण बढ़ी 60 फीसदी गर्मी
शहरीकरण के कारण शहरों में गर्मी 60 प्रतिशत तक बढ़ी है। बढ़ता कंक्रीट और जमीन के इस्तेमाल में आता बदलाव तापमान को लगातार बढ़ा रहा है। दिल्ली, मुंबई समेत 9 बड़े शहर तेजी से हीट स्ट्रेस की ओर जा रहे हैं। मानव जनित गर्मी और वायु प्रदूषण के कारणों के अलावा गाड़ियों और बिल्डिंगों (पंखा, कंप्यूटर, फ्रिज और एयर कंडीशन) से भी गर्मी अधिक हो रही है। मजदूरों के काम के घंटों में बदलाव और सार्वजनिक जगहों पर पानी के साधन अधिक पैदा करने से हीटवेव का असर कम होगा। वहीं, हर जगह हीटवेव से निपटने के लिए एक्शन प्लान बनाना जरूरी है।