नई दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करते हुए कहा कि अब सरकारी दुकानों के जरिए कानूनी तौर पर शराब बेची जाएगी। उनके मुताबिक, जो नई आबकारी नीति लागू हुई थी वो 31 जुलाई यानी रविवार को खत्म हो जाएगी और इसके साथ ही एक अगस्त से पुरानी आबकारी नीति लागू हो जाएगी। उनके इस ऐलान से एक बड़ा झटका शराब के दीवानों को लगा। दिल्ली के अंतर्गत बॉर्डर से लगते ठेके खाली हो गए हैं। वहां अब एक के साथ एक फ्री कोई दारू की बोतल नहीं मिल रही है।
दिल्ली में ठेके के ठेके खाली हो रहे हैं और अब पुरानी नीति लागू हो जाएगी, ऐसी सूचना पाकर लोग भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। उन्हें जो भी शराब कुछ सस्ती मिल रही है, वे उसे लेकर अपनी कारों व साथ लाए बैग में भरके ले जा रहे हैं। वहीं, कुछ आयातित ब्रांड भी हैं, जिनपर फिलहाल डिस्काउंट चल रहा है। परंतु कहना मुश्किल है कि वह भी कितनी और देर तक चल पाएगा।
पुरानी आबकारी नीति की बात करें तो तो उसका मतलब है 16 नवंबर 2021 से पहले वाली व्यवस्था का बहाल होना। तब दिल्ली में शराब की 389 सरकारी दुकानें थीं। इसके अलावा साल में 21 दिन ड्राई डे हुआ करता थे। नई एक्साइज पॉलिसी लागू होने के बाद प्राइवेट रिटेलर्स MRP पर डिस्काउंट दे पा रहे थे। हालांकि, पुरानी पॉलिसी में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
अब एक तारीख से…
-शराब की 468 प्राइवेट दुकानें बंद हो जाएंगी।
-पुरानी आबकारी नीति लागू हो जाएगी।
-शराब सिर्फ सरकारी ठेकों के जरिए बेची जाएगी।
-शराब MRP पर बिकने लगेगी।
इसके अलावा उम्मीद है कि दिल्ली में शराब की किल्लत हो सकती है। इसके संकेत सिसोदिया ने भी दिए। सिसोदिया ने कहा कि ‘नई नीति लागू होने पर दिल्ली में 850 दुकानें खुली। पहले सरकार को करीब 6 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था। लेकिन पूरे साल में 850 दुकान से साढ़े 9 हजार करोड़ का रेवेन्यू आना था।’ उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली में शराब की किल्लत पैदा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि नई दुकान वालों को ईडी और सीबीआई की धमकी दी गई है। कई दुकान वालों ने दुकानें बंद कर दी। आज दिल्ली में नई पॉलिसी में सिर्फ 468 दुकानें चल रही हैं। 1 अगस्त से कई अन्य दुकान वाले भी काम बंद कर रहे हैं। इनका मकसद है कि दिल्ली में शराब की किल्लत पैदा करो।