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दिल्ली में धड़ल्ले से ली जा रही रिश्वत! नए सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे

Delhi Government Departments Bribe News: देश में रिश्वतखोरी का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। राजधानी दिल्ली भी इस कलंक से बची नहीं है। हाल ही में सामने आई एक सर्वे रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली के सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी काफी आम है।

Author Written By: Divya Aggarwal Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Dec 9, 2024 16:03
Bribe and Corruption

Delhi Bribe Report:(दिव्या अग्रवाल) रिश्‍वतखोरी यानी ब्राइब को रोकने के लिए सरकार कितनी भी कोशिश कर ले लेकिन ताजा सर्वे के मुताबिक सरकारी विभागों में ये धड़ल्ले से ली जा रही है। कोई अफसर कैश के रूप में रिश्वत लेता है तो कोई तोहफों की आड़ में रिश्वतखोरी करता है। रिश्वत लेने का परसेंटेज अभी भी 30-40 नहीं बल्कि 66 फीसदी है। ये हम नहीं कह रहे है, ये कहना है लोकल सर्किल के एक ताज़ा सर्वे का। सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके मुताबिक 2023 में 66 प्रतिशत कंपनियों को अपना काम निकलवाने के लिए रिश्वत की मदद लेनी पड़ी। उन्होंने सरकारी विभागों को घूस दी। वहीं 54 प्रतिशत कंपनियों को जबरन घूस देने पर मजबूर होना पड़ा।

क्यों ले रहे है रिश्वत

चूंकि कई व्यवसाय गुमनाम रूप से प्रतिज्ञा करते हैं, सरकारी विभागों को परमिट में तेजी लाने के लिए, यहां तक ​​कि प्राधिकरण लाइसेंस की डुप्लिकेट कॉपी के लिए, संपत्ति से जुड़े मामलो में के रिश्वत जीवन का एक तरीका बनी हुई है।

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एक-दो नहीं, बार-बार दी गई रिश्वत

सर्वे के मुताबिक “पिछले 12 महीनों में आपको कितनी बार (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से) रिश्वत देनी पड़ी?” 2,339 लोगों के सर्वे में से 41% व्यवसायों ने कहा कि उन्होंने “कई बार” रिश्वत दी, जबकि 24% ने “एक या दो बार” भुगतान किया। केवल 16% व्यवसाय ऐसे थे जिन्होंने दावा किया कि वे “हमेशा रिश्वत दिए बिना काम करवाने में कामयाब रहे”, और 19% ने कहा कि उन्हें ऐसा करने की “कोई ज़रूरत नहीं थी”। यानी कुल मिलाकर ये सामने आया की, 66% व्यवसायों ने पिछले 12 महीनों में रिश्वत दी।

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क्यों दी जाती है रिश्वत?

सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 54 प्रतिशत लोगों ने मजबूरी में आकर रिश्वत दी और 46 फीसदी कंपनियों को काम में देरी न होने के लिए रिश्वत देनी पड़ी। रिश्वत न देने पर कई सरकारी विभाग फाइलें रोक लेते हैं। डिजिटलाइजेशन के बावजूद बंद कमरों में रिश्वतखोरी जारी है। सरकारी एजेंसियों से परमिट मांगने से लेकर ऑर्डर और भुगतान के लिए रिश्वत देना पड़ता है।

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कहां चलती है सबसे ज्यादा रिश्वत?

आपको जानकर हैरानी होगी कि शायद कोई ही ऐसा क्षेत्र हो जहां रिश्वत नहीं ली जाती हो। डिजिटलाइजेशन के बढ़ते इस्तेमाल के बावजूद सरकारी दफ़्तरो के बाहर अभी भी ढेरों काउंटर्स बने हुए है, जो आपका काम मिनटो में कर देंगे। ऐसे में लोग भी उलझी हुई प्रक्रिया और घंटो के इंतजार से छुटकारा पाने के लिए रिश्वत देना ही सही समझते हैं।

कौन से सरकारी विभाग लेते हैं सबसे ज्यादा रिश्वत?

सर्वे के आंकडों की मानें तो 75 प्रतिशत रिश्वत लीगल, मेट्रोलॉजी, फ़ूड, ड्रग यानी दवाइयां और हेल्थ सेक्टर में ली जाती हैं। पिछले 3 साल में पूरे देश में इस बाबत पुलिस में शिकायत भी हुई है। जिन विभागो में लोगों का रोजमर्रा का काम पड़ता है, वहां रिश्वतखोरी चरम पर है। मसलन 69 परसेंट लोगों ने कहा लेबर और पीएफ विभाग में ब्राइब ज्यादा चलती है। वहीं 68 फीसदी लोगों ने प्रॉपर्टी, लैंड रजिस्ट्रेशन या जमीन के मामलो में रिश्वत को आम बताया है। वहीं पॉल्युशन डिपार्टमेंट, म्युनिसिपल कारपोरेशन, इनकम टैक्स, फायर डिपार्टमेंट, ट्रांसपोर्ट विभाग, पावर और एक्साइज ये कुछ ऐसे विभाग है, जहां अक्सर रिश्वत देने के बाद ही काम सफलतापूर्वक होने की उम्मीद है। साफ है कि रिश्वत पर सरकार द्वारा लगाम लगाने के बावजूद आज के समय में ये लोगों की आदत में शामिल हो चुकी है, जिसे बदलना मुश्किल है।

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First published on: Dec 09, 2024 03:25 PM

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