Delhi Car Blast: दिल्ली में लाल किला के सामने 10 नवंबर की शाम एक कार में ब्लास्ट हो गया। हादसे में करीब 10 लोगों की मौत हो गई। इससे पूरे देश में आरोपियों के खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला। हालांकि आतंकियों के धमाके की कल्पना इससे कई गुना खतरनाक थी। लाल किला के पास यह ब्लास्ट गलती से हुआ था। आतंकियों की साजिश तो और बड़ा धमाका करने की थी।
साजिश की शुरुआत जम्मू-कश्मीर से हुई। 19 अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम में जैश ए मोहम्मद (JeM) के कुछ पोस्टर चिपके मिले। इन पोस्टरों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की धमकी दी गई थी। मामले में नौगाम थाना पुलिस ने FIR दर्ज की। तारीफ की बात यह रही कि पुलिस केवल एफआईआर दर्ज करके खानापूर्ति नहीं की। केस दर्ज करने के बाद जम्मू-कश्मीर ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी। सीसीटीवी फुटेज से नौगाम के ही अरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर उल अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद की पहचान हुई। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की तो केस की परतें खुलनी शुरू हो गईं।
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5 नवंबर को कश्मीर के मौलवी इरफान से पूछताछ में तार यूपी के सहानपुर तक मिले। सहारनपुर से डॉ. आदिल राठर को गिरफ्तार किया गया। पुलिस उसे श्रीनगर ले गई। बताया गया कि राठर ने अलग अलग शहरों में ब्लास्ट की प्लानिंग की थी। पूछताछ में अन्य साथियों डॉ मुजम्मिल गनई और डॉ. शाहीद सईद के बारे में पता चला। पाकिस्तानी हैंडलर उमर बिन के टेलीग्राम चैनल का भी खुलासा हुआ।
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इसके बाद पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया। जम्मू कश्मीर में डॉ आदिल के पुराने लॉकर से एक AK 47 बरामद की गई। मुजम्मिल पुलवामा का रहने वाला है। वह जैश ए मोहम्मद से जुड़ा मिला।
पुलिस और एजेंसियों ने मिलकर फरीदाबाद मॉड्यूल का पर्दापाश कर दिया था। आतंकी उमर विस्फोटक को कहीं और शिफ्ट करना चाहता था। इसी बीच किसी गलती से विस्फोट हो गया।










