राज्यसभा में गुरुवार को विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशों में वर्षों से जेलों में बंद हैं? साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया जो विदेशों में मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं। इन सवालों के जवाब में विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10 हजार 152 है।
10,152 भारतीय विदेशी जेलों में कैद
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस समय 10,152 भारतीय कैदी, जिनमें अंडरट्रायल (मुकदमे का इंतजार कर रहे कैदी) भी शामिल हैं, विदेशी जेलों में बंद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, भलाई और हितों को प्राथमिकता देती है, चाहे वे कहीं भी हों, यहां तक कि विदेशी जेलों में भी। उन्होंने कहा कि इन सभी देशों की सरकार से बातचीत कर उनको बचाने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
इन देशों में भारतीयों को मिली फांसी की सजा
सरकार की ओर से संसद में 8 देशों का डेटा साझा किया गया, जहां भारतीय नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन सजा अभी लागू नहीं हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 25 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है। साथ ही सऊदी अरब में 11, मलेशिया में 6, कुवैत में 3 ,इंडोनेशिया में 1, कतर में 1, अमेरिका में 1 और यमन में भी 1 भारतीय नागरिक को मौत की सजा सुनाई गई है।
‘सजा पाए भारतीयों को हर संभव सहायता’
विदेश राज्यमंत्री ने बताया कि भारतीय दूतावास और मिशन विदेशी अदालतों से मौत की सजा पाए भारतीयों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं। भारतीय मिशन जेलों में जाकर कैदियों से मिलते हैं और उनके मामलों को अदालतों, जेल प्रशासन, सरकारी अभियोजकों और अन्य एजेंसियों के साथ फॉलो-अप करते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सरकार इन सभी मौत की सजा पाए लोगों और जेल में बंद कैदियों को मौजूद कानूनी विकल्पों की तलाश में मदद कर रही है। इसमें अपील दायर करना, दया याचिका देना शामिल हैं।
भारतीय नागरिकों को न्याय दिलाने की कोशिश
केंद्र सरकार का दावा है कि सरकार उन सभी भारतीय नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जो विदेशों में मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। भारतीय मिशनों द्वारा कानूनी मदद, जेल में सुविधाएं और अपील के विकल्प दिए जा रहे हैं ताकि उनकी सजा को कम किया जा सके या वे किसी अन्य राहत का लाभ उठा सकें।