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जिन पति-पत्नी में रोज होती है चिक-चिक उन्हें पढ़नी चाहिए हाईकोर्ट की ये अहम टिप्पणी

Cruelty Husband Wife : पति-पत्नी के बीच रोज-रोज की नोकझोंक पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के बीच छोटे मोटे झगड़े को आईपीसी (IPC) की धारा 498A के तहत ‘क्रूरता‘ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। दरअसल एक पत्नी ने अपने […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 3, 2023 12:26
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Calcutta High Court on OBC Reservation
Calcutta High Court on OBC Reservation

Cruelty Husband Wife : पति-पत्नी के बीच रोज-रोज की नोकझोंक पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। इस मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति-पत्नी के बीच छोटे मोटे झगड़े को आईपीसी (IPC) की धारा 498A के तहत ‘क्रूरता‘ की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।

दरअसल एक पत्नी ने अपने पति पर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित और मारपीट करने का आरोप लगा था। इस मामला ट्रायल कोर्ट से हाईकोर्ट तक पहुंचा। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस सुगातो मजूमदार ने एक पत्नी की शिकायत पर पति को हुई सजा रद्द कर दिया। हालांकि कोर्ट ने आरोपी पति पर IPC की धारा 323 के तहत उसकी दोष सिद्धि और 1000 रुपए जुर्माने की सजा के ट्रायल कोर्ट के फैसले बरकरार रखा।

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हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए अपने ऑब्जर्वेशन कहा कि आईपीसी की धारा 498A में उल्लिखित क्रूरता पति और पत्नी के बीच रोजना होने वाले कलह से अलग है।

साथ ही हाईकोर्ट ने अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सेशन कोर्ट ने अपने फैसले में गलती की है। इस मामले में IPC की धारा 498A के तहत पति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। सेशन कोर्ट ने सबूतों की ठीक से विवेचना नहीं की। लिहाजा उसके IPC धारा 498A के तहत पति की दोष सिद्धि रद्द की जाती है।

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दरअसल एक पत्नी ने अपने पति और उसकी मां के खिलाफ 31 मई, 2016 में दहेज की मांग, यातना और हत्या की कोशिश का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराई थी। पत्नी था कि उसके उसके पति और ससुराल वाले दहेज के रूप में उससे 50,000 रुपये की मांग की और दहेज के रूप में ये पैसे नहीं देने पर उसे मानसिक और शारीरिक से प्रताड़ित किया।

साथ पत्नी ने अपने पति पर जान से मारने की कोशिश का भी आरोप लगाया था। इसी आधार पर सेशन कोर्ट ने पति को क्रूरता और शारीरिक रुप से चोट पहुंचाने का दोषी पाया था। ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले आरोपी पति को 6 महीने की जेल और धारा 323 के तहत 1000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

इसके बाद पति ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ कोलकात्त हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पति द्वारा पत्नी की हत्या की कोशिश के आरोप पुष्टि नहीं हुई है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट देखने से पत्नी को साधारण चोट की पुष्टि होती है।

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Edited By

Pankaj Mishra

First published on: Sep 03, 2023 08:03 AM

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