Cyclonic Storm Explainer: बंगाल की खाड़ी में एक्टिव हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ बन चुका है और हिंद महासागर की ओर बढ़ रहा है. तूफान इसी हफ्ते दक्षिण भारत में समुद्र तटों से टकराएगा, जिससे समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठ सकती हैं. अंडमान निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा और तमिलनाडु तूफानी हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश भी हो सकती है. सेन्यार का मतलब है शेर और तूफान को सेन्यार नाम संयुक्त अरब अमीरात ने दिया है. आइए समुद्री तूफानों के बारे में विस्तार से बात करते हैं.
क्या है समुद्री तूफान और कैसे बनता है चक्रवात?
समुद्री तूफान यानी ट्रॉपिकल साइक्लोन मौसमी तूफान है, जो समुद्र में गर्म पानी के ऊपर बनता है. समुद्र में करीब 50 से 60 मीटर की गहराई में जब 26 से 27 डिग्री सेल्सियस तापमान के कारण पानी गर्म होता है तो भाप बनती है, जो हवा के रूप में ऊपर उठती है. इससे निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है और हवाएं तेजी से अंदर की ओर घूमते हुए चक्रवात का रूप ले लेती हैं.
हवाएं जब चक्रवात के रूप में घूमती हैं तो अंदर की तरफ एक प्रकार की आंख बन जाती है, जो शांत होती है और इसमें हवा भी नहीं होती, लेकिन घूमते-घूमते 20 से 50 किलोमीटर चौड़े गोलाकार एरिया में फैल जाती है. आंख के चारों तरफ जो दीवार बनती है, वह सबसे खतरनाक हिस्सा होता है, क्योंकि वहां सबसे तेज हवाएं चलती हैं, जिनके कारण बारिश होती है.
अलग-अलग देशों में तूफान के अलग-अलग नाम
बता दें कि समुद्री तूफान अलग-अलग देशों में महासागरों के अनुसार अलग-अलग नाम से पुकारे जाते हैं. जैसे हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले तूफान को भारत में समुद्री तूफान या चक्रवाती तूफान कहा जाता है, क्योंकि समुद्र के यह दोनों हिस्से भारत से सटे हैं. अटलांटिक महासागर और पूर्वी प्रशांत महासागर में जो तूफान उठते हैं, उन्हें दोनों महासागरों के किनारे बसे देशों में हरिकेन (Hurricane) कहा जाता है. पश्चिमी प्रशांत महासागर में जो तूफान बनते हैं, उन्हें समुद्र किनारे सबे देशों में टाइफून (Typhoon) कहा जाता है.
स्पीड के अनुसार कैटेगराइज किए जाते हैं तूफान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) तूफान को हवा की स्पीड के अनुसार श्रेणियों में बांटता है और उससे होने वाले नुकसान का अनुमान लगाता है. जैसे 50 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड से कम वाली हवाओं के साथ तूफान को डिप्रेशन कहते हैं, जिसे असर से हल्की बारिश होती है. 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड वाली हवाओं के साथ तूफान को डीप डिप्रेशन कहा जाता है, जिसके असर से भारी बारिश होती है.
60 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड वाली हवाओं के साथ तूफान को चक्रवाती तूफान कहते हैं, जिससे माली नुकसान होता है. 90 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड वाली हवाओं के साथ वाले तूफान को गंभीर चक्रवाती तूफान कहते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है. 120 से 220 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड वाली हवाओं के साथ तूफान को अति गंभीर चक्रवाती तूफान कहते हैं, जो विनाशकारी साबित होते हैं. वहीं 220 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड वाली हवाओं के साथ तूफान को सुपर साइक्लोन कहते हैं, जो बहुत ज्यादा विनाशकारी साबित होते हैं.
भारत समेत 13 देश मिलकर करते हैं नामकरण
बता दें कि समुद्र में उठने वाले तूफानों का नामकरण विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के द्वारा किया जाता है. इसके लिए 13 देशों का एक पैनल बनाया गया है. इनमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, थाईलैंड, ओमान, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन शामिल हैं. सभी 13 देश मिलकर नामों की लिस्ट तैयार करते हैं, जो हर 5 से 10 साल में बदल जाती है. 2004 हर देश ने 8-8 नाम सुझाए थे और अभी 169 नामों की लिस्ट WMO के पास है.










