Congress Leader Saifudin Soz Demand Talk With Terrorist: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आंतकियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के 2 अफसरों समेत 5 जवान शहीद हो गए हैं। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है। टीआरएफ लश्कर ए तैयबा का ही नया संगठन है जो 2019 में धारा 370 की समाप्ति के बाद सक्रिय हुआ था। सेना के तीन जवानों के शहादत के बाद लोगों में इस हमले को लेकर काफी गुस्सा है।
इन सबके बीच राजनेता अपनी ही धुन में सवार हैं। वे भारत सरकार को आतंकियों से बातचीत करने की सलाह दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और इंडिया गठबंधन के शामिल एनसी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मोदी सरकार को कश्मीर में शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए।
इन्हीं के वोट से गिरी थी वाजपेयी सरकार
फारूक अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि युद्ध से शांति नहीं आ सकती। वहीं कांग्रेस सांसद सैफुद्दीन सोज ने उनसे भी दो कदम आगे बढ़कर कहा कि मोदी सरकार को पाकिस्तान के अलावा आतंकियों से भी बातचीत करनी चाहिए। कांग्रेस नेता सोज 1999 तक एनसी के साथ थे। इस दौरान वे कई बार केंद्र में मंत्री रहे।
वहीं एनसी के टिकट पर 3 बार लोकसभा और 1 बार राज्यसभा के लिए नामित हो चुके हैं। 1999 में जयललिता के समर्थन वापस लेने के बाद वाजपेयी सरकार संकट में आ गई थी। जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तो एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद भी एनसी नेता और केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज सरकार के खिलाफ वोटिंग की और वाजपेयी सरकार गिर गई।
कई बार दे चुके कश्मीर विरोधी बयान
एनसी से निकाले जाने के बाद सैफुद्दीन सेाज ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया। सोज 2002 से 2015 तक कांग्रेस के सांसद रहे। मनमोहन सिंह सरकार में सोज केंद्रीय मंत्री भी बने। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद किया। कश्मीर में धारा 370 हटाने पर उन्होंने सरकार पर नजरबंद करने का आरोप लगाया था। 2017 में तो उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कश्मीर समस्या के भारत को दोषी ठहरा दिया था।