CJI पर एक वकील ने जूता फेंकने की कोशिश की. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हुए इस हमले से हर कोई हैरान हैं. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने वकील के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. इस घटना के बाद जहां तमाम नेताओं ने इसकी निंदा की है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CJI से फोन पर बात की है और मुख्य न्यायाधीश के धैर्य की तारीफ की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले पर निंदा की है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की. आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है. हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है. ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूं. यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
इस घटना को लेकर राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है. इस तरह की नफरत का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
पीएम मोदी के पोस्ट से पहले कांग्रेस की तरफ से सोशल मीडिया पर लिखा गया था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर आज सुप्रीम कोर्ट में बेशर्मी से हमला किया गया. फिर भी, प्रधानमंत्री की ओर से अभी तक निंदा का एक शब्द भी नहीं आया. मोदी जी, आपकी चुप्पी कानफोड़ू है और मिलीभगत की चीखें हैं. आपको आवाज उठानी ही होगी.
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लिखा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है. यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है. माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के दम पर समाज के सारे बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है. उनपर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र – दोनों के लिए घातक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है.
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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज सर्वोच्च न्यायालय में भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर हमले का प्रयास अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित है. यह हमारी न्यायपालिका की गरिमा और विधि के शासन पर हमला है. जब एक वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, जो अपनी योग्यता, निष्ठा और दृढ़ता के बल पर देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर पहुंचे हैं, को इस तरह निशाना बनाया जाता है, तो यह एक बेहद विचलित करने वाला संदेश देता है. यह एक ऐसे व्यक्ति को धमकाने और अपमानित करने का प्रयास दर्शाता है जिसने संविधान की रक्षा के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़ा है. ऐसा मूर्खतापूर्ण कृत्य दर्शाता है कि पिछले एक दशक में हमारे समाज में किस तरह से घृणा, कट्टरता और कट्टरता व्याप्त हो गई है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से, मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारी न्यायपालिका की सुरक्षा सर्वोपरि है. न्याय और तर्क की जीत हो, धमकी की नहीं.