CISF 56th Raising Day: केंद्रीय औधौगिक सुरक्षा बल यानी CISF अपना स्थापना दिवस इस बार चेन्नई में मनाने जा रही है। बता दें कि सीआईएसफ अपना स्थापना दिवस दिल्ली में ही मनाते रही है। लेकिन, साल 2021 में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया था कि रक्षा और पारा मिलेट्री में ज्यादा से ज्यादा युवा अपनी भागीदारी दिखाएं और देश के कोने-कोने में फोर्स की ताकत आम लोग देख सकें, इसके लिए अलग-अलग राज्यो में सेना दिवस या फिर पारा मिलेट्री से जुड़े सभी एजेंसियों को स्थापना दिवस मनाने का आदेश दिया था।
स्थापना दिवस पर इस बार दिखेगा अलग अंदाज
वहीं, सीआईएसएफ इस बार अपना स्थापना दिवस बहुत ही अलग अंदाज में मनाने जा रही है। जानकरी के मुताबिक, उद्योग और एयरपोर्ट की सुरक्षा के बाद सीआईएसएफ अब तटीय इलाकों की सुरक्षा का भी जिम्मा उठाएगी। इसके लिए सीआईएसएफ ने अपने 56वें स्थापना दिवस के मौके पर तटीय क्षेत्रों में एक विशेष अभियान लॉन्च किया है। इसका नाम ‘सीआईएसएफ-ग्रेट इंडियन कोस्टल साइक्लोथॉन’ रखा गया है। इसके तहत तटीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
7 मार्च से 31 मार्च तक चलेगा अभियान
यह अभियान 7 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च तक चलेगा। इस अभियान के तहत 25 दिन में सीआईएसएफ के 125 साइकिल चालक 6553 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। यह साइक्लोथॉन 11 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से होकर गुजरेगा। सीआईएसएफ के इस साइक्लोथॉन की थीम ‘सुरक्षित तट, समृद्ध भारत’ रखी गई है। इस साइक्लोथॉन को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 7 मार्च को तमिलनाडु के रानीपेट जिले के तक्कोलम में स्थित सीआईएसएफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र से वर्चुअली हरी झंडी दिखाएंगे।
इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरेगा साइक्लोथॉन
सीआईएसएफ ने कहा कि वर्तमान में तटीय क्षेत्रों में तस्करी खाकर ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों के खतरों के बारे में लोगों को आगाह करना जरूरी है। 7 मार्च से 125 सीआईएसएफ साइकिल चालक 6553 किलोमीटर की कठिन यात्रा करेंगे। इनमें 14 साहसी महिला जवान भी होंगी। 25 दिनों की यह यात्रा पश्चिमी तट पर लखपत, गुजरात और पूर्वी तट पर बक्खाली, पश्चिम बंगाल से शुरू होकर मुख्य भूमि के पूरे तट के साथ यात्रा करेंगे। वे पश्चिम में सूरत, मंबई, गोवा, मंगलौर और कोच्चि जैसे शहरों से गुजरेंगे। वहीं, पूर्व में हल्दिया, कोणार्क, पाराद्वीप, वाइजेक, चेन्नई, पांडिचेरी और अंत में कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद मेमोरियल में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे।
रोजाना 95-180 KM चलाएंगे साइकिल
जिन सीआईएसएफ जवानों का इस अभियान के लिए चयन किया गया है, उनको एक महीने का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि वो लंबी दूरी तक की सुरक्षित साइकिल यात्रा कुशलतापूर्वक पूरी कर सकें। ये जवान रोजाना 95 से 180 किलोमीटर तक साइकिल चलाएंगे।
क्या है साइक्लोथॉन का मकसद?
सीआईएसएफ का कहना है कि साइक्लोथॉन सिर्फ साइकिल चलाने भर का कार्यक्रम नही है, बल्कि इसका मकसद स्थानीय मछुआरों को तटीय सुरक्षा के साथ जोड़ना है। ताकि तटीय इलाके में सुरक्षा कवच को और भी अभेद्द और मजबूत बनाया जा सके।
साइक्लोथॉन के दौरान होंगे कई कार्यक्रम
3775 किलोमीटर के प्रश्चिम मार्ग का सफर कोरी क्रीक लखपत से शुरू होगा। साइक्लोथॉन के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें सीआईएसएफ द्वारा स्थानीय समुदायों, स्कूली बच्चों और एनसीसी समूहों द्वारा आयोजित कार्यक्रम शामिल हैं।