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Chandrayaan-3 के बाद फिर से ‘मिशन चाय’ पर जुटे ISRO के साइंटिस्ट राकेश नैय्यर, जानें पूरा मामला

Chandrayaan 3 Scientist: चंद्रयान मिशन के बाद ISRO के साइंटिस्ट टीम में शामिल राकेश नैय्यर अब ‘मिशन चाय’ पर जुटे हैं। राकेश नैय्यर अब रोजाना सैंकड़ों मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं। उनका कहना है कि उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा ‘दादी’ से मिली है। आइए जानें हैं, क्या है पूरा मामला। चंद्रयान 3 […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 23, 2023 08:14
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Chandrayaan-3 ISRO scientist Rakesh Nayyar Mission Chai
इसरो के साइंटिस्ट राकेश नैय्यर।

Chandrayaan 3 Scientist: चंद्रयान मिशन के बाद ISRO के साइंटिस्ट टीम में शामिल राकेश नैय्यर अब ‘मिशन चाय’ पर जुटे हैं। राकेश नैय्यर अब रोजाना सैंकड़ों मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं। उनका कहना है कि उन्हें ऐसा करने की प्रेरणा ‘दादी’ से मिली है। आइए जानें हैं, क्या है पूरा मामला।

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दरअसल, चंद्रयान-3 मिशन के लिए इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों की टीम में राकेश नैय्यर इन दिनों बेंगलुरु के किदवई कैंसर अस्पताल में मरीजों की सेवा में जुटे हैं। राकेश रोजाना अपने साथियों के साथ अस्पताल पहुंचते हैं और कैंसर के मरीजों को चाय-नाश्ता उपलब्ध कराते हैं।

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राकेश नैय्यर के मुताबिक, वे अपनी दादी से प्रेरित हैं और उनके कहने पर ही पिछले 7 साल से कैंसर मरीजों की मदद कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं। उनका कहना है कि पहले ये मिशन सिर्फ चाय से शुरू हुआ था, लेकिन अब ये खाना और अन्य दूसरी जरूरतों तक पहुंच गया है।

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राकेश ने बताया कि वे रोजाना सुबह अपने दोस्तों के साथ अस्पताल पहुंचते हैं और ‘मिशन चाय’ पर जुट जाते हैं। चाय-नाश्ता देने के बाद मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाने, उनके साथ बातचीत करने, उनका दुख-दर्द बांटने तक ये सिलसिला चलता रहता है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनकी पहुंच सिर्फ 100 मरीजों तक थी, जो अब बढ़कर 1500 तक पहुंच गई है।

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मिशन चाय के पीछे ये है पूरी कहानी

राकेश नैय्यर ने इस पूरे मिशन के पीछे की कहानी शेयर करते हुए बताते हैं कि करीब 10 साल पहले उनके ससुर पंजाब के अस्पताल में भर्ती थे। पैर कटने के बाद उनके ससुर अस्पताल में संघर्ष कर रहे थे। इस दौरान उनका अस्पताल में आना-जाना लगा रहता था। अस्पताल में ही एक बुजुर्ग महिला मिलीं, जिन्होंने मुझे चाय ऑफर की। राकेश के मुताबिक, ‘दादी’ की ये पहल मुझे बहुत नेक लगी। अब मैं उनकी नेक पहल को आगे बढ़ा रहा हूं।

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उन्होंने बताया कि किदवई अस्पताल से शुरू उनकी ये पहल अब संजय गांधी अस्पताल, हैदराबाद के एमएनजी अस्पताल तक पहुंच गई है।

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Written By

Om Pratap

First published on: Aug 23, 2023 08:14 AM
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