Misuse Of Public Money : जनता के पैसे का दुरुपयोग किस तरह किया जाना चाहिए यह इन 3 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों से बेहतर कौन बता सकता है। इन तीनों ने पेरिस की यात्रा के दौरान करदाताओं के लाखों रुपये उड़ा दिए थे। यह जानकारी डायरेक्टर जनरल ऑफ ऑडिट चंडीगढ़ की एक ऑडिट रिपोर्ट में सामने आई है। इन अधिकारियों की पहचान विजय कुमार देव, अनुराग अग्रवाल और विक्रम देव दत्त के रूप में हुई है।
इन तीनों ने अपनी पेरिस यात्रा के दौरान तय समय से ज्यादा समय तक रहे और होटल में अपने कमरों को अपग्रेड किया। इतना ही नहीं नियमों व निर्देशों को ताक पर रखते हुए एक-दूसरे की ट्रिप्स अप्रूव कीं। यह मामला जून 2015 का है। ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है कि तीनों ने इस दौरान खर्च की निर्धारित सीमा से 6.72 लाख रुपये ज्यादा खर्च किए थे।
Approving each other’s itinerary and expenditure as senior ias officers on a Paris trip not meant for them. Seems legit.https://t.co/esy1bYSGRV pic.twitter.com/qNnO4UZZpE
— JumpingJackFlash (@mythun) April 10, 2024
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कोरबूजियर की एनिवर्सरी पर आया था न्योता
दरअसल साल 2015 में चंडीगढ़ प्रशासन को पेरिस में स्थित फाउंडेशन ले कोरबूजियर (Foundation Le Corbusier) की ओर से न्योता आया था। यह न्योता स्विस-फ्रेंच आर्किटेक्ट ले कोरबूजियर की 50वीं एनिवर्सरी के मौके पर एक बैठक करने के लिए था। बता दें कि कोरबूजियर ने चंडीगढ़ के मास्टर प्लान को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए 4 लोगों को नॉमिनेट किया था। गृह मंत्रालय ने विजय देव, विक्रम देवदत्त और अनुराग अग्रवाल के लिए सर्टिफिकेट की मांग की थी। इसके बाद इनकी यात्रा की योजना बनाई गई। लेकिन, ऑडिट रिपोर्ट में पता चला कि ये अधिकारी एक-दूसरे की ट्रिप्स अप्रूव कर रहे थे। विजय देव ने विक्रम दत्त की ट्रिप अप्रूव की और दत्त ने देव की। देव ने अग्रवाल की ट्रिप भी अप्रूव की थी।
1 दिन का था प्लान, बिना अनुमति घूमे 7 दिन
रिपोर्ट के अनुसार ट्रिप का शुरुआती बजट 18 लाख रुपये था जो 25 लाख रुपये से ज्यादा हो गया था। इसमें तीनों ने बिजनेस क्लास की टिकट बुक कराई थीं। एक टिकट की कीमत 1.77 लाख रुपये के आस-पास थी। होटल में रुकने का खर्च भी अच्छा-खासा बढ़ा मिला। यह यात्रा 1 दिन के लिए थी लेकिन बिना प्रॉपर अप्रूवल के 7 दिन तक खिंच गई।
बता दें कि नियम कहता है कि बिना उचित स्तर से अनुमति लिए विदेश यात्रा 5 दिन से अधिक की नहीं हो सकती। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह न्योता चंडीगढ़ के चीफ आर्किटेक्ट के लिए था। लेकिन उनकी जगह पर 4 सचिव स्तर के अधिकारियों को भेज दिया गया और वो भी करदाताओं के पैसे को उड़ाने के लिए। इस ट्रिप को मेजबान संस्थान ने स्पॉन्सर नहीं किया था।
इन पदों पर तैनात थे तीनों वरिष्ठ आईएएस
ट्रिप के समय विजय कुमार देव चंडीगढ़ प्रशासन के एडवाइजर के पद पर सेवाएं दे रहे थे। अनुराग अग्रवाल चंडीगढ़ के गृह सचिव थे। विक्रम देव दत्त तब सचिव (कार्मिक) के पद पर थे।
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