नई दिल्ली: सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन लोन धोखाधड़ी मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर को पति दीपक कोचर के साथ गिरफ्तार किया है। दंपति पर वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन में अनियमितताओं का आरोप है।
बैंक की आचार संहिता और आंतरिक नीतियों का उल्लंघन
चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में आरोपों के बाद आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और प्रबंध निदेशक के रूप में इस्तीफा दे दिया था। कहा गया कि उन्होंने बैंक की आचार संहिता और आंतरिक नीतियों का उल्लंघन किया। उन पर वीडियोकॉन समूह को 2012 में 3,250 करोड़ रुपये के ऋण में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई द्वारा आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
परिवार के सदस्यों को सौदे से फायदा
एक व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया कि कोचर के पति दीपक कोचर और उनके परिवार के सदस्यों को इस सौदे से फायदा हुआ। आरोपों के अनुसार, वीडियोकॉन समूह के पूर्व अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने कथित तौर पर कोचर द्वारा स्थापित एक कंपनी न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये का निवेश किया था, महीनों बाद वीडियोकॉन समूह को बैंक द्वारा लोन दिया गया था। सीबीआई का आरोप है कि इस लोन को एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी, जिसमें कोचर मेंबर थीं। एजेंसी का कहना है कि उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। इसके साथ ही वीडियोकॉन को 300 करोड़ रुपये मंजूर करने के लिए धूत से अपने पति के माध्यम से अनुचित लाभ प्राप्त किया।
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